नई दिल्ली: जीएसटी के बारे में सम्पूर्ण समाज को समझने की उत्सुकता है, सभी ये समझना चाहते हैं कि जीएसटी को सबसे बडा सुधार क्यों माना जा रहा है, अब केन्द्र सरकार द्वारा कई अलग अलग वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त सीमा शुल्क, विशेष अतिरिक्त शुल्क लगाए जाते हैं इसके अतिरिक्त सर्विस टैक्स भी लगाये जाते हैं तथा राज्य सरकार द्वारा वैट केन्द्रीय बिक्री टैक्स, मनोरंजन कर, ऑक्टोराइ टैक्स, लाटरी टैक्स, प्रवेश शुल्क अलग अलग टैक्स लगाए जाते है, इसके अतिरिक्त भी केन्द्र और राज्य द्वारा सेस या सरचार्ज भी लगाया जाता है परन्तु अब इन सब टैक्सों को समाप्त कर दिया जायेगा और सिर्फ एक टैक्स जीएसटी लगेगा जो हर वस्तुओं एवं सेवा पर लगेगा अर्थात् एक वस्तु पर एक ही बार टैक्स लगेगा
जीएसटी में वस्तुओं पर टैक्स को 4 भागों में बाॅटा गया है 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत, 28 प्रतिशत, इसकेे अलावा शिक्षा तथा स्वास्थ्य को इस टैक्स से बाहर रखा गया है, तथा एक्सपोर्ट करने वाले वस्तुओं पर जो भी टैक्स देश के अन्दर चुकाया जायेगा उसे वापस लेने का प्रविधान भी है, आयात की गई वस्तुओं पर कस्टम डयूटी के अलावा उतना जीएसटी भी लगाया जायेगा,
जीएसटी में हर व्यापारी को महीने में एक बार मुख्य रिटर्न भरना होगा और अपनी टैक्स की अदायगी करनी होगी, किसी भी माल या सेवा पर जो भी टैक्स लगेगा, उसमें से खरीदारी पर लगा जो टैक्स भर दिया गया है, उसकी पूरी इनपुट टैक्स क्रेडिट हर व्यापारी को ऑटोमेटिक मिलेगी, रिटर्न फाइल करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है, अगर आप अपने हिसाब किताब जीएसटीएन द्वारा दी गई एक्सेल शीट में रखेंगे तो हर महीने वही हिसाब किताब अपने आप ऑफलाईन टूल की मदद से रिटर्न में परिवर्तित हो जाएगा
खुदरा माल विक्रेता को रेट वाइज टर्न ओवर दिखाना होगा, और जिसका टर्न ओवर 50 लाख से कम है ऐसे व्यापारी को हर महीने में नहीं 3 माह में रिटर्न भरना होगा जिसमें अपना टोटल टर्न ओवर में दिखाना होगा
सुनील शुक्ल
उपसंपादक: सत्यम् लाइव
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