2013 में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. यह हकीकत है कि एक बार भी यहां 200 सदस्य एक साथ नहीं बैठे हैं. 2013 के विधानसभा चुनावों में भी 200 की जगह 199 में ही चुनाव हुआ था तब चूरु से बसपा प्रत्याशी की मौत के कारण वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था. इस समय भी बीजेपी के वरिष्ठ विधायक कल्याण सिंह के निधन के कारण एक सीट खाली हुई है. अब कायदे से तो इसे मात्र एक संयोग ही माना जाना चाहिये लेकिन उल्टी गंगा बह रही है .
राजस्थान विधानसभा के मौजूद बजट सत्र के दौरान सदन में दिलचस्प चर्चा हुई. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक साथ एक स्वर में स्वीकारा कि विधानसभा में बुरी आत्माएं हैं. यही वजह है कि कभी एक साथ 200 विधायक नहीं रहे. कहा गया कि विधानसभा भवन जिस जमीन पर बना है वहां पहले शमशान हुआ करता था और वहां बच्चों के शव दफनाएं जाते थे. कुछ सदस्यों का मानना था कि ऐसी ही कोई आत्मा वहां भटक रही है जिसकी वजह से पूरे सदस्य एक साथ नहीं बैठ पाते हैं. हैरानी की बात है कि मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर तक ने कहा कि हो सकता है कि किसी आत्मा को शांति नहीं मिली हो और वह बुरी आत्मा नुकसान पहुंचा रही हो. उनका कहना था कि कभी किसी की मौत हो जाती है तो कभी कोई जेल चला जाता है. गुर्जर समेत कई विधायकों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को यह सब बताया है और शांति के लिए यज्ञ करवाने के साथ पंडितों को भोजन करवाने की सलाह दी गयी है.
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