जकार्ता: इंडोनेशिया में इस महीने 100 से ज्यादा लोगो की हो चुकी है मृत्यु पुलिस ने आज कहा कि वे शराब के काली बिक्री के निर्माता और वितरकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में पीछे नहीं हटेंगे। डिप्टी नेशनल पुलिस चीफ मोहम्मद सैफ्रुद्दीन ने कहा कि इस महीने जकार्ता और जावा में जहरीले शराब से मरने वालों की संख्या में खासी वृद्धि हुई है। इंडोनेशिया के कई टीवी चैनलों ने दिखाया है कि मृतकों के परिजन उनकी डेड बॉडी को अस्पतालों तक ले जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि केवल जकार्ता में ही 31 मौतों की खबर है। सैफ्रुद्दीन ने कहा कि यह एक भयानक परिणाम है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश को बड़ा नुक्सान होगा। उन्होंने कहा कि मैंने सभी इंडोनेशिया पुलिस को आदेश दिया है कि इस तरह के मामलों को जल्द से जल्द रोकने का प्रयास करें। साथ ही उन रिटेलर्स का पता लगाएं जो शराब में जहरीले रसायन को मिलाने का धंधा कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि पुलिस ने बड़े मात्रा में शराब को जब्त किया है।
सैफ्रुद्दीन ने कहा कि गैरकानूनी शराब को पूरी तरह से बंद कर दिया जाना चाहिए। यह स्पष्ट नहीं है कि यह क्रैकडाउन कितना प्रभावी होगा। बता दें कि मुस्लिम बहुसंख्यक इंडोनेशिया में कानूनन रूप से शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद देश में शराब का एक बड़ा काला बाजार बन गया है। संभावित रूप से इसमें घातक मेथनॉल का इस्तेमाल किया जाता है। यहां इन शराब को कोल्ड ड्रिंक के साथ सर्व किया जाता है।
सैफ्रूद्दीन ने कहा कि जकार्ता में कई छापे में पाए गए शराब की प्रयोगशाला में जांच पर पता चला कि इसमें मेथनॉल बड़ी मात्रा में मिलाया जाता था। और यही इंडोनेशिया में हो रही मौतों की बड़ी वजह है, मरने वालों में कुछ विदेशी भी शामिल हैं। कुछ स्थानीय सरकारें लोगों को शराब के प्रति सचेत करने का काम कर रही है। लेकिन मौंतों का ये आंकड़ा चौंकाने वाला है इससे इस बात पर अटकलें लगाई जा सकती है कि इन सबके पीछेएक बड़ा वितरक जिम्मेदार है। पश्चिमी जावा पुलिस ने सात लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है लेकिन उनका कहना है कि इसके साक्ष्य नहीं मिले हैं। आपको बता दें कि पिछले साल शराब पीने से 32 मौतें हुई थीं।
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