ट्रंप ने आदेश के बाद पेंटागन में कहा, ‘यह बड़ा कदम है। अमेरिका में विदेशी आतंकियों को घुसने से रोकने के लिए ऐसा किया गया है। मैं कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों को अमेरिका में घुसने से रोकना चाहता हूं। हम केवल उन्हें ही अपने देश में प्रवेश देना चाहते हैं जो हमारे देश का समर्थन करे और हमारे लोगों को प्यार करे।’ बता दें कि ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान और राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद कट्टरपंथी आतंकवादियों के खात्मे का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा था कि CIA ऐसा करने के लिए योजना बनाएगी। इस आदेश के बाद 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों को 90 दिनों तक वीजा जारी नहीं किए जाएंगे।
ट्रंप के इस आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद, नए जांच नियम लागू होने तक अमेरिका में कम से कम 120 दिनों तक शरणार्थियों का आगमन और पुनर्वास निलंबित हो जाएगा। नए नियम में इस बात की पुख्ता व्यवस्था करने की कोशिश की जाएगी कि जिसे शरणार्थी का दर्जा दिया गया है वे अमेरिका की सुरक्षा के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करें। ट्रंप के आदेश के बाद सीरिया से आने वाले शरणार्थियों पर अमेरिका में प्रवेश पर अनिश्चितकालीन रोक लग गई है।
इस आदेश का कई नागिरक अधिकार संगठनों और आतंकवाद निरोधी विशेषज्ञों ने विरोध किया है। इन्होंने इस फैसले अमानवीय बताया है। अमेरिकी सिविल लिबर्टीज यूनियन के कार्यकारी निदेश एंथनी रोमिरो ने कहा, ‘यह आदेश मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव को दर्शाने वाला है।’ नोबल शांति पुरस्कार विजेता पाकिस्तानी कार्यकर्त मलाला यूसुफजई ने इसे ‘दिल तोड़ने’ वाला बताया।