कुल्हड़ में चाय पीने के फयदे

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नई दिल्ली: अगर आपने कभी ध्यान दिया हो तो आपको मालूम होगा कि उत्तर भारत के कई इलाकों में लोग चाय एक खास तरह के मिट्टी के बर्तन में पीते हैं, जिसे कुल्हड़ कहा जाता है. ये डिस्पोजल कप होते हैं, मतलब की चाय पीने के बाद लोग इसे फेंक देते हैं. इसका दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है.

आमतौर पर कुल्हड़ ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. लोगों का कहना है की इसमें चाय पीने का मजा ही अलग है और इसमें चाय पीने से उसमें मिट्टी की खुशबू जुड़ जाती है जो उसके फ्लेवर को और बढ़ा देती है.

आपको बता दें की कुल्हड़ में चाय पीना बाकी अन्य तरीकों की तुलना में काफी ज्यादा फायदेमंद है. कई शहरों में दुकानों पर प्लास्टिक, स्टील या फोम के कप इस्तेमाल किये जाते हैं जिससे कई तरह के नुकसान होते हैं.

फोम के कप से नुकसान : कई जगह आपने देखा होगा कि दुकानों पर या शादियों में लोग चाय के लिए फोम के कप का इस्तेमाल करते हैं. ये पॉलीस्टीरीन से बने होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक है. जब आप चाय इसमें डालते हैं तो इसके कुछ तत्व चाय में घुलकर पेट के अंदर चले जाते हैं जिससे आगे चलकर आपको कैंसर भी हो सकता है. फोम वाले कप में मौजूद स्टाइरीन से आपको थकान, फोकस में कमी, अनियमित हार्मोनल बदलाव के अलावा और भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए इन कप में कभी भी चाय ना पियें.

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स्टील या कांच के गिलास से नुकसान : अगर आप रोड के किनारे बिकने वाले स्टील या कांच के गिलास में चाय पी रहे हैं तो जान लें की यह भी नुकसानदायक है. अगर इन कप को ठीक से साफ़ नहीं किया गया है तो इसमें मौजूद बैक्टीरिया आपके लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. अधिकांश जगहों पर ऐसे दुकान वाले कप को साफ़ करने के लिए गंदे पानी का इस्तेमाल करते हैं जिस वजह से इनमें चाय पीने से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इससे आपको डायरिया या फ़ूड पाजनिंग जैसी गंभीर बीमरियां हो सकती हैं. जबकि कुल्हड़ में चाय पीने से ऐसे किसी भी चीज का खतरा नहीं रहता है.

ईको फ्रेंडली होते हैं कुल्हड़ : प्लास्टिक या फोम के गिलास स्वास्थ्य के साथ साथ पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक हैं. जबकि कुल्हड़ पूरी तरह से इको फ्रेंडली हैं. इसे आप जैसे ही नष्ट करते हैं वे कुछ ही दिनों में मिट्टी में घुल जाता है.

अन्य फायदे : मिट्टी के बर्तनों का स्वभाव क्षारीय होता है जिस वजह से ये शरीर के एसिडिक स्वभाव में कमी लाते हैं. इसके अलावा in मिट्टी के कपों में और भी कई गुण है. इसलिए आप इनमें दूध, चाय या लस्सी कुछ भी पी सकते हैं. यकीन मानिए कुल्हड़ में चाय पीने से स्वाद और पौष्टिकता दोनों बढ़ जाती है.

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