दिल्ली: ग़ाज़ियाबाद के नेहरू नगर मे रहने वाले नवयुवक संजीव शर्मा ने मुम्बई में छोटे पर्दे पर आजकल धूम मचा रखी है अभी तक वें कई दर्जनों सीरियलों में अपनी अभिनय का काम कर चुके हैं
‘मंजिले उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है, पंखो से कुछ नहीं होता ऐ दोस्त, होसलो में उड़ान होती है’ 2010 में एक्टर बनने का सपना संजोए गाजियबाद के एक नवयुवक मुंबई पहुँचता है तो वहा उसे उसकी प्रतिभा दिखने को कोई नहीं मिलता है और न ही ठहरने के लिए जगह मिलती है पर दृढ़ इच्छा थी एक्टर बनने की! दर दर भटकना और रात होते ही ठहरने के लिए जगह तलाशना आदत बन गई थी , फिर समय ने करवट ली और जाने माने निर्देशक विक्रम भट्ट की नजर गाजियाबाद के इस युवक पर पड़ी, उन्होंने फिल्म हॉन्टेड में एक छोटी से भूमिका दी, इसके बाद से संजीव शर्मा को पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा,
नेहरू नगर निवासी सतीश शर्मा के बेटे संजीव शर्मा ने 5 साल की अथक मेहनत के बाद मुंबई के फिल्म और टीवी जगत में अपनी जगह बना ली, पिछले दिनों दिल्ली आए संजीव शर्मा ने सत्यम लाइव को बताया की बहार से बॉलीवुड भले ही चकाचोंध भरा दिखता हो पर अंदर से मेहनत भरी जिंदगी को जूझते लोगो की भरमार है गाजियाबाद के संभुदयाल कॉलेज से पढाई पूरी करने के बाद शौकिया तौर पर फिल्म कलाकार बनने के लिए संजीव ने मुंबई में कदम रखा, यहाँ उसकी कोई जान पहचान नहीं थी, संजीव ने बताया की हर सुबह वे अपनी तस्वीर लेकर एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो में चककर लगाते रहते थे लेकिन काम नहीं मिलता था फिर अचानक एक दिन विक्रम भट्ट जी का
फ़ोन आया और हॉन्टेड में एक छोटी से भूमिका मिली, और इसके बाद लक्की कबूतर, चापेकर ब्रदर्स में छोटी पर प्रभावशाली भूमिका मिली,
संजीव इन दिनों अपना सारा ध्यान टीवी सीरियलो पर दे रहे है अब उन्होंने एक दर्जन से जयादा सीरियलों में अपनी अभिनय की अच्छी छाप छोड़ी है, इनमे “बालिका वधु”, “झांसी की रानी”, “सिया के राम”, साडा हक”, “दो हंसो का जोड़ा”, और “सावधान इंडिया” जैसे सीरियलो में अपना जोरदार और प्रभावशाली अभिनय दिया,
और अब स्टार प्लस पर रोजाना ‘मेरी दुर्गा’ सीरियल में प्रिंसिपल के रोल में अपना अभिनय दे रहे हैं। कृपया अवश्य देखें।
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