चौथे केस में भी लालू यादव दोषी करार, आरजेडी बोली- ये मोदी-नीतीश का खेल

0
1
Lalu News

रांची. चारा घोटाला से जुड़े दुमका ट्रेजरी केस में सोमवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया। इसी मामले में कोर्ट ने पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र को बरी कर दिया। केस में लालू समेत 31 आरोपी थे। चारा घोटाला के 6 केस में से अब तक 4 में फैसला आया है। इनमें से चारों में लालू यादव को दोषी ठहराया गया है। लालू फिलहाल बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे हैं।

लालू को 6 में से इन 4 में सजा

  • चाईबासा ट्रेजरी का पहला केस:30 सितंबर 2013 को लालू यादव को दोषी माना। उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई गई।
  • देवघर ट्रेजरी केस: 6 जनवरी 2017 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। लालू पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया।
  • चाईबासा ट्रेजरी का दूसरा केस:24 जनवरी 2018 को लालू को पांच साल की सजा सुनाई गई।
  • दुमका ट्रेजरी केस:लालू दोषी करार, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी।

इन 2 केस में चल रही सुनवाई

  • डोरंडा ट्रेजरी केस: सुनवाई चल रही है।
  • भागलपुर ट्रेजरी केस: इसकी सुनवाई पटना की सीबीआई कोर्ट में चल रही है।

आरजेडी ने फैसले पर क्या कहा?

Ads Middle of Post
Advertisements
  • आरजेडी लीडर रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, “नरेंद्र मोदी और नीतीश का मेल अजब खेल है। दोबारा वही हुआ कि जगन्नाथ मिश्र रिहा हो गए और लालू यादव को जेल हो गई। एक आदमी को जेल और एक आदमी को बेल। ये है नरेंद्र मोदी का खेल।”

हॉस्पिटल से कोर्ट पहुंचे थे लालू

  • कोर्ट के फैसले के पहले लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव समेत आरजेडी के कई नेता रांची पहुंचे। लालू भी कोर्ट रूम में पहुंच गए थे। उन्हें रविवार को तबीयत खराब होने के बाद रांची के रिम्स हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। लालू को सीने में दर्द की शिकायत थी।

क्या है दुमका ट्रेजरी मामला?

  • दुमका ट्रेजरी से दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच गैर-कानूनी तरीके से 3.76 करोड़ रुपए निकाले गए। इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। 11 मई 2000 को पहली चार्जशीट दायर की गई।

1996 में सामने आया था घोटाला

  • जनवरी 1996 में करीब 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला पहली बार सामने आया था। इसके तहत 1990 के दशक में चारा सप्लाई के नाम पर सरकारी ट्रेजरी से ऐसी कंपनियों को फंड जारी हुआ, जो थी ही नहीं।
  • घोटाला हुआ तब लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे। उनके पास वित्त मंत्रालय भी था। आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए मामले की जांच के लिए आई फाइल को 5 जुलाई 1994 से 1 फरवरी 1996 तक अटकाए रखा। 2 फरवरी 1996 को जांच का आदेश दिया।

1997 में पहली बार जेल गए थे लालू

  • 1997 में लालू को पहली बार ज्यूडिशियल कस्टडी में लिया गया था। वे 137 दिन जेल में रहे थे और राबड़ी देवी बिहार की सीएम बनी थीं। 12 दिसंबर 1997 को लालू रिहा हुए थे।
    दूसरी बार लालू 28 अक्टूबर 1998 को पटना के बेऊर जेल गए। बाद में उन्हें जमानत मिली। इसी मामले में लालू को 28 नवंबर 2000 में एक दिन के लिए जेल जाना पड़ा थाचारा के नाम पर चाईबासा ट्रेजरी से 37 करोड़ रुपए के गबन का दोषी पाए जाने के बाद लालू को 2013 में भी जेल जाना पड़ा था। तब वे दो महीने रांची जेल में रहे थे। 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा था। उसी साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.