नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का भूख हड़ताल आज चौथे दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में जारी है. उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा की कोशिश कर रही है. लेकिन मैंने साफ कर दिया है कि जब तक कोई बड़ा फैसला नहीं लिया जाता अनशन पर बैठे रहेंगे.
अन्ना हजारे ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, ”भूख हड़ताल से कुछ वजन जरूर कम हुआ है लेकिन अगले 10 दिनों तक कोई दिक्कत नहीं है. शरीर में जब तक प्राण है आंदोलन करते रहेंगे. हमने प्रण लिया है कि आजीवन समाज के लिए काम करता रहूंगा.” उन्होंने कहा, ”केंद्र सरकार के एक मंत्री का फोन चर्चा के लिए आया था. लेकिन मैंने साफ कहा कि कुछ बड़ा फैसला लेकर ही चर्चा के लिए आएं.”
प्रदर्शनकारियों को रोका गया
सात साल पहले हुए लोकपाल आंदोलन जैसी भीड़ रामलीला मैदान में नहीं जुटने पर अन्ना ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि समर्थकों को रोका जा रहा है. उन्होंने कहा, ”हम जो बात कर रहे हैं उसे समाज के सामने जाने नहीं दे रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को रोका जा रहा है. छह राज्यों में अनशन हो रहे हैं, कितना रोकेंगे? दो-तीन दिनों में आंदोलन और बढ़ेगा.” अन्ना ने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दोषी हैं.
क्या है अन्ना की मांग?
अन्ना हजारे भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्र और राज्यों में लोकायुक्त/लोकपाल नियुक्त करने, चुनाव तंत्र में सुधार और देश में कृषि संकट के हल के लिए एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, किसानों को उत्पादन लागत से डेढ़ गुना अधिक दाम और 60 साल से अधिक उम्र वाले किसानों को पेंशन मिले, किसानों का जीना मुश्किल हो रहा है. महंगाई नियंत्रित किये जाएं. भ्रष्टाचार पर लगाम लगाए जाएं. भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है
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