जानिये डिप्रेशन से होने वाली बीमारियां

लगातार मानसिक दबाव या तनाव कई तरह के मानसिक विकारों को जन्म देता है, अनेक शारीरिक समस्याओं का कारण बनता है, जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, थायराइड आदि, इसके बारे में हम आपको विस्‍तार से जानकारी देते हैं.

डिप्रेशन के कारण बीमारियां

हमें दैनिक कार्यों में अनेक प्रकार के तनाव झेलने पड़ते हैं. खासतौर पर वर्तमान युग की तेज रफ्तार जिन्दगी में हमें रोज अनेकों समस्याओं से जूझना पड़ता है और इसके कारण तनाव होता है. लगातार मानसिक दबाव या तनाव अनेक मानसिक विकारों को जन्म देता है, अनेक शारीरिक समस्याओं का शिकार बनता है. जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, थायरोइड इत्यादि. चलिये जानें डिप्रेशन के कारण कौंन कौंन सी बीमारियां हो सकती हैं-

कैंसर

कैंसर के लगभग 60 प्रतिशत रोगी डिप्रेशन से भी ग्रस्त होते हैं क्योंकि अवसाद के कारण इक्यूनसिस्टम बदल जाता है. किसी भी व्यक्ति के अवसाद ग्रस्त होने के पीछे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आनुवांशिक तथा जैव वैज्ञानिक कारण हो सकते हैं. अवसाद से पीडि़त रोगी का उपचार आमतौर पर सायकोथैरेपी के द्वारा किया जाता है.

मोटापा

एक अध्ययन में पाया गया है कि बचपन के अवसाद का अगर जल्द इलाज और रोकथाम कर लिया जाए, तो वयस्क होने पर दिल की बीमारी का खतरा कम हो सकता है. अवसादग्रस्त बच्चों के मोटे, निष्क्रिय होने और धूम्रपान करने की संभावना होती है जो किशोरावस्था में ही दिल की बीमारियों के कारण बन सकते हैं. अमेरिका की युनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा में मनोविज्ञान में यह शोध हुआ.

डिमेंशिया

नए शोध से पता चला है कि अवसाद से ग्रस्त लोगों में डिमेंशिया होने का ख़तरा सामान्य से दो गुना अधिक हो सकता है. डिमेंशिया से इंसान की मानसिक क्षमता, व्यक्तित्व और व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है. जिन लोगों को डिमेंशिया होता है उनकी याद्दाश्त पर असर पड़ता है. अमरीकन पत्रिका न्यूरोलॉजी में ये तथ्य प्रकाशित हुए.

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समय से पहले बुढ़ापा

मानसिक बीमारी पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर (पीटीएसडी) से पीड़ित लोगों को समय से पहले बुढ़ापा आने का खतरा होता है. नए शोध में यह बात सामने आई है. पीटीएसडी कई मानसिक विकारों जैसे गंभीर अवसाद, गुस्सा, अनिद्रा, खान-पान संबंधी रोगों तथा मादक द्रव्यों के सेवन से जुड़ी व्याधि है. सैन डिएगो स्थित युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में साइकेट्री के प्रोफेसर दिलीप वी. जेस्ते व उनके साथियों ने पीटीएसडी में समय से पूर्व बुढ़ापे पर प्रकाशित प्रासंगिक अनुभवजन्य अध्ययनों की व्यापक समीक्षा की.

दिल की बीमारियां

एक अध्ययन में पाया गया है कि बचपन के अवसाद का अगर जल्द इलाज और रोकथाम कर लिया जाए, तो वयस्क होने पर दिल की बीमारी का खतरा कम हो सकता है. अवसादग्रस्त बच्चों के मोटे, निष्क्रिय होने और धूम्रपान करने की संभावना होती है जो किशोरावस्था में ही दिल की बीमारियों के कारण बन सकते हैं

मधुमेह

अवसाद की समस्या मधुमेह की ओर इशारा करती है. कई सालों से यह माना जाता था कि अवसाद की समस्या की जड़ मधुमेह है. हाल के कई शोधों में यह बिंदु सामने आया कि अवसाद से समस्या जटिल होती है. विशेषज्ञों का मानना है कि मधुमेह के पीछे चिंता और तनाव का ही हाथ होता है. यदि कोई व्यक्ति अवसाद ग्रस्त है तो उसे मधुमेह होने की संभावना सामान्य व्यक्ति के मुकाबले दुगनी होती है.

बहरेपन का खतरा अधिक

हाल ही में हुए एक शोध में बहरेपन से संबंधित एक नई जानकारी मिली है. इस शोध की मानें तो अवसाद में रहने वाले लोगों को बहरेपन का खतरा ज्‍यादा होता है. अमेरीका में हुए इस शोध में शोधकर्ताओं ने 18 साल व इससे अधिक उम्र के पुरुषों और महिलाओं पर अध्ययन किया. इसका असर पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर अधिक दिखा.

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