2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी जोरोशोरो से है। समागम में सियासी हस्तियां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी शिरकत कर सकते हैं। अब लोकसभा चुनाव बंद कमरों में रणनीति बनाई जा रही है वोट बैंक की सियासत परवान चढ़ रही है। राष्ट्रवाद का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। झूठ के सहारे सच को दबाया एवं कुचला जा रहा है। यहां तक की जब किसी की, किसी भी वजह से हत्या के कारण मानवता शर्मशार होती है तो नेतागण उसे भी सियासी चश्मे से ही देखते हैं। कहीं बयान बहादुर अपने बयानों से सियासत का रूख मोड़ने की कोशिश करते हैं तो कहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक जैसे संगठन अपनी पसंद की पार्टी के लिये सियासी जमीन तैयार करने में जुट जाते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी को बड़ी सफलता हाथ लगी तो इसका जितना श्रेय मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है तो उतना ही हकदार आरएसएस भी है। आरएसएस काफी पहले से बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार करने में लगा हुआ था। इस बार भी चुनावी आहट से काफी पहले आरएसएस इस काम में जुट गया था। आरएसएस के स्वयं सेवक पूरे प्रदेश में घूम−घूम कर जनजागृति अभियान चलाये हुए थे। जिसका फायदा बीजेपी को आम चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भी मिला था। अब 2019 के लिये भी आरएसएस ने कमर कस ली है।
इसी क्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हिन्दुओं को साधने के लिये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ 25 फरवरी को जिला मेरठ में आरएसएस के इतिहास का सबसे बड़ा समागम करने जा रहा है जिसमें लाखों की संख्या में भीड़ जुटने का अनुमान है। ‘राष्ट्रोदय स्वयंसेवक समागम’ के नाम से मेरठ में होने वाले इस आयोजन में तीन लाख से अधिक स्वयंसेवक भाग लेंगे तो आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत मुख्य भी इस समागम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। इस समागम की अध्यक्षता जूनागढ़ अखाड़े के महामंडलेश्वर अवधेशानन्द गिरि करेंगे और जैन मुनि विहर्ष सागर विशिष्ट अतिथि होंगे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 जिलों के गांवों में आरएसएस की पैठ बढ़ाने की रणनीति के मद्देनजर आने वाले स्वयंसेवकों के कुल 3.11 लाख पंजीकरण में 2.18 लाख ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। ये ग्रामीण आरएसएस के मेरठ प्रांत के 10 हजार 580 गांवों से आएंगे। आरएसएस के मेरठ प्रांत में मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल आते हैं। समागम में आने वाले स्वयंसेवकों में ज्यादतर की उम्र 40 से कम होगी और इनकी उपस्थिति सवा दो लाख के करीब होने का अनुमान है। इसमें से करीब एक लाख स्कूल−कालेजों के विद्यार्थी हैं। इस आयोजन में सभी 3.11 लाख स्वयंसेवक गणवेश में आयेंगे। इनमें सवा दो लाख पहली बार संघ के कार्यक्रम में आ रहे हैं। गणवेश बनवाने पर आने वाला करीब 800 रुपये का खर्च स्वयंसेवक ही स्वयं उठायेंगे।
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