भारत दौरे पर आए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कई अहम मुद्दों पर समझौते हुए। तीन दिवसीय दौरे पर आये ईरानी राष्ट्रपति हसन का आज अंतिम दिन दौरे का दोनों देशों के बीच दोहरे कर से बचने, वीजा नियम आसान करने और प्रत्यर्पण संधि समेत 9 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने कहा कि चाबहार पोर्ट पर ईरान के सहयोग का शुक्रिया अदा करता हूं। चाबहार गेटवे के लिए भारत सहयोग करेगा।
दोनों देश आपसी सहयोग बढ़ाने को इच्छुक
पीएम ने ईरान और भारत के मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश आपसी सहयोग बढ़ाने के इच्छुक हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में हम साझेदारी बढ़ाना चाहते हैं। रूहानी की यात्रा से दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि आज जो भी समझौते हुए वह पिछले कुछ समय में हुई प्रगति का परिणाम है। पीएम ने कहा कि हम अपने पड़ोसी देश अफगानिस्तान को आतंकवाद से मुक्त देखना चाहते हैं। वहीं ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि उनका देश भारत के साथ पुराने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों को मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि चाबहार पोर्ट का विकास जारी रहेगा।
रूहानी को दिया गार्ड आॅफ आॅनर
आज सुबह राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर रूहानी का राष्ट्रपति रामनाथ कांविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया। उन्हे गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया जिसके बाद उन्होंने महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पाजंलि अर्पित की। ईरान के राष्ट्रपति ने शुक्रवार को हैदराबाद में दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय कां संबोधित करते हुए कहा कि अगर वे एकजुट रहें तो अमेरिका कभी यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर घोषित करने की हिम्मत नहीं दिखायेगा।
भारत और ईरान के बीच मजबूत संबंध
अगस्त 2013 में कार्यभारत संभालने के बाद ईरान के सातवें राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा है। भारत और ईरान के बीच मजबूत आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध है। पीएम मोदी की वर्ष 2016 में ईरान यात्रा के दौरान करीब एक दर्जन से अधिक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे। रूहानी की इस भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच तेल और प्राकृतिक गैस को लेकर बड़े समझौते होने की उम्मीद है।
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