दिल्ली:राजधानी दिल्ली में दूध में मिलावट हो रही है। शुक्रवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यह जानकारी दी। कि दिल्ली सरकार द्वारा दूध व घी के नमूनों की कराई गई जांच में यह बात सामने आई है। विभिन्न इलाकों से जांच के लिए उठाए गए 165 नमूनों में से 21 गुणवत्ता मानकों पर फेल हो गए। दूध में पानी व दूध पाउडर की मिलावट मिली।
उन्होंने बताया कि अमूल व मदर डेयरी के दूध के नमूने भी मानकों पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच में कोई भी सैंपल इस्तेमाल के लिए असुरक्षित नहीं मिला, लेकिन उनमें वसा व अन्य जरूरी पोषक तत्व तय मानकों से कम मात्रा में पाए गए। इस मामले में दिल्ली सरकार ने मुकदमा दर्ज करने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
सत्येंद्र जैन ने बताया कि उन्हें दूध में मिलावट की शिकायतें आ रहीं थीं। और उन्होंने पिछले दिनों विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद दूध के नमूनों की जांच के निर्देश दिए गए थे। इसके मद्देनजर खाद्य सुरक्षा विभाग ने 13 से 28 अप्रैल के बीच दिल्ली से दूध के 177 नमूने उठाए। इसमें ब्रांडेड और स्थानीय दूध विक्रेताओं के नमूने शामिल हैं।
165 नमूनों की जांच रिपोर्ट में 21 नमूनों की गुणवत्ता खराब है, लेकिन किसी भी नमूने में हानिकारक तत्व नहीं मिले हैं। इसमें अमूल व मदर डेयरी के नमूने भी शामिल हैं।
घी में भी मिलावट:
खाद्य सुरक्षा विभाग ने घी के नमूने भी उठाए। शुरुआती रिपोर्ट में उसमें भी मिलावट की बात समाने आई है, लेकिन अंतिम जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। मिलावट के मद्देनजर सरकार ने दूध से बने सभी उत्पादों के नमूने जांच के लिए उठाने के आदेश दिए हैं।
कार्रवाई का प्रावधान:
दूध की गुणवत्ता खराब होने के मामलों में दोषियों पर 5000 से पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है। यदि खाद्य वस्तु में ऐसा मिलावट हो जो स्वास्थ्य के लिए हानिकार हो तो ऐसी स्थिति में छह माह से तीन साल तक की जेल हो सकती है।
शहद के नमूने भी जांच में फेल:
जिला खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा लिए नमूने प्रयोगशाला जांच में फेल साबित होने पर एडीएम प्रशासन की कोर्ट ने डाबर इंडिया लिमिटेड पर चार लाख का जुर्माना लगाया है। जिला अभिहित अधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि 16 अक्टूबर 2015 को नॉलेज पार्क तीन स्थित एक स्टोर से खाद्य विभाग की टीम ने डाबर हनी के मून पैक के नमूने लिए थे।
यह नमूना प्रयोगशाला जांच में मानकों पर खरा नहीं उतर सका। यह पैक डाबर इंडिया लिमिटेड मलकपुर बद्दी सोलन हिमाचल प्रदेश में बने थे। करीब ढाई साल तक मामले की सुनवाई के बाद एडीएम प्रशासन की कोर्ट ने खाद्य अधिनियम 51 के तहत दोषी मानते हुए चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
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