लखनऊ, समाजवादी पार्टी में जारी कलह को थामने के लिए पार्टी में बैठकों का दौर जारी है। सपा कार्यालय में जिलाध्यक्षों की बैठक खत्म होते ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास पर जिलाध्यक्षों की आपात बैठक बुलाई। करीब 2 घंटे चली बैठक के बाद जिलाध्यक्षों ने बताया कि मुख्यमंत्री पार्टी में चल रही कलह पर काफी गंभीर नजर आए। उन्होंने 23 अक्टूबर को सभी विधायकों और एमएलसी की बैठक अपने सरकारी आवास पर बुलाई है। उन्होंने कहा कि इस सारे प्रकरण से सरकार का ग्राफ गिरा है।
इससे पहले 24 अक्टूबर को मुलायम सिंह ने सभी विधायकों की बैठक पार्टी कार्यालय पर बुलाई थी। मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर निकले जिलाध्यक्षों ने बताया कि सपा में चल रही कलह के साथ-साथ रजत जयंती और मुख्यमंत्री की रथ यात्रा बैठक में मुख्य मुद्दा रहा।
बांदा जिलाध्यक्ष शमीम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा समय में पार्टी की साख गिरी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के चार पहियों में से तीन पंचर हैं। जिलाध्यक्षों ने बताया कि मुख्यमंत्री का फोकस था कि किसी भी तरह रजत जयंती को सफलतापूर्वक मनाना है। यही नहीं, उन्होंने रथ यात्रा को लेकर भी फीड बैक लिया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिलाध्यक्षों से बात करने के बाद अब विधायकों और एमएलसी की बैठक बुलाई है। दरअसल, मुलायम ने 24 अक्टूबर को सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। लेकिन उससे एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने 23 अक्टूबर को विधायक और एमएलसी की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में भी रजत जयंती और रथ यात्रा ही मुख्य मुद्दा होंगे।
शनिवार को सपा प्रदेश कार्यालय में शिवपाल यादव ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। शिवपाल ने प्रदेश अध्यक्ष बनते ही नई प्रदेश कार्यकारणी का गठन किया था, जिसमें से अखिलेश यादव को भी बाहर कर दिया था। अब उसी 81 सदसीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को होनी है। जबकि शिवपाल यादव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें बैठक में आमंत्रित किया था। इस बैठक में मुलायम सिंह यादव शामिल होंगे।
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