नई दिल्ली: रविशंकर प्रसाद ने अाज फिर कांग्रेस अौर राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के चुनाव प्रचार में कैंब्रिज एनालिटिका का हाथ रहा है। कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी की सेवाएं ली। राहुल गांधी के सोशल मीडिया कैंपेन में कैंब्रिज एनालिटिका ने मदद की है और उनके बीच बैठक भी हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कैंब्रिज एनालिटिका से अपने संबंधों पर चुप्पी साध ली है।
इससे पहले बुधवार को भी केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैंब्रिज एनालिटिका के साथ कांग्रेस के संबंधों का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस कंपनी की मदद से 2019 के चुनाव को भी प्रभावित कर सकती है। वहीं कांग्रेस ने सरकार की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। कांग्रेस ने कहा कि उसका या पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का कैंब्रिज एनालिटिका के साथ कोई संबंध नहीं है
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कुछ मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के भी इस कंपनी के साथ संबंध हैं। वह 2019 के चुनाव में इसकी मदद लेने की तैयारी कर रही है। रविशंकर ने सवाल किया कि कांग्रेस का इस कंपनी से क्या संबंध है? कांग्रेस क्या चुनाव जीतने के लिए अब डाटा चोरी का इस्तेमाल करेगी? उसका कैंब्रिज एनालिटिका से इतना प्रेम क्यों है? इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि राहुल गांधी की सोशल प्रोफाइल तैयार करने में इस कंपनी की क्या भूमिका है? एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि जमीन पर न दिखने वाले लोग डिजिटल माध्यम से लोगों तक पहुंचना चाहते है, लेकिन हम डिजिटली और फिजिकली दोनों तरह जनता से जुड़े है।
कांग्रेस का पटलवार
सरकार के आरोपों पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने तत्काल पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से लगाए गए सारे आरोप झूठे और मनगढंत है। कैंब्रिज एनालिटिका के साथ पार्टी का कोई संबंध नहीं है। चुनाव को लेकर भी कोई करार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मोसुल और एससी-एसटी एक्ट को लेकर आए फैसले जैसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए इसे उछाला है। उन्होंने कहा कि जिस कैंब्रिज एनालिटिका का बात की जा रही है, भाजपा और जदयू ने 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में इसकी सेवा ली थी। साथ ही कैंब्रिज एनालिटिका की भारतीय साझेदार ओबीआइ का संचालन भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू के नेता केसी त्यागी के पुत्र करते हैं। इसकी मदद दिल्ली सहित कई चुनावों में भाजपा नेताओं की ओर से ली गई है।
ऐसे चुराए फेसबुक से डेटा
कैंब्रिज एनालिटिका ने यूजर के डाटा एक अन्य कंपनी ग्लोबल साइंस रिसर्च की एप के जरिये चुराए।
जीएसआर ने ‘दिसइजयोरडिजिटललाइफ’ एप शुरू की थी। इसे 2.70 लाख लोगों ने डाउनलोड किया।
डाउनलोड करते ही फेसबुक यूजर्स के डाटा कैंब्रिज एनालिटिका तक पहुंच गए।
2.70 लाख लोगों से जुड़े पांच करोड़ लोगों के डाटा भी इजाजत के बगैर एजेंसी ने ले लिए।
फेसबुक इसलिए जिम्मेदार
सोशल साइट की जिम्मेदारी है कि वह अपने ग्राहकों की प्राइवेसी की सुरक्षा करे। ‘दिसइजयोरडिजिटललाइफ’ एप उसकी नीतियों के खिलाफ होने के बाद भी फेसबुक ने एप को प्रतिबंधित नहीं किया।
बदल देती है प्रचार की दिशा
कैंब्रिज एनालिटिका डाटा का उपयोग संबंधित देश के नागरिकों के व्यवहार, पसंद, नापसंद, संभावना आदि का अध्ययन करने में करती है। इसके जरिये वह अपने ग्राहक आमतौर पर राजनीतिक दलों को सुझाव देती है। इनके आधार पर चुनावी रणनीति बनाई जाती है और विज्ञापनों के जरिये जनता का मानस बदला जाता है। 2016 में ट्रंप के चुनाव में कंपनी ने तटस्थ रहने वाले अमेरिकियों को ट्रंप के पक्ष में कर उन्हें जीत दिला दी।