सत्यम् लाइव, 29 अप्रैल 2020, दिल्ली।। आरटीआई कार्यकर्त्ता साकेत गोखले ने सूचना का अधिकार कानून के तहत देश के केंद्रीय बैंक से 50 डिफाल्टर्स का ब्योरा और उनके द्वारा लिए गए कर्ज के बारे में जानकारी मांगी थी। गोखले ने मीडिया को बताया, “मैंने यह आर.टी.आई. इसलिए डाली क्योंकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और वित राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी द्वारा संसद के बजट सत्र के दौरान बीते 16 फरवरी को पूछे गए तारांकित सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया था।” गोखले ने बताया केंद्रीय जन सूचना आधिकारी अभय कुमार ने शनिवार यानी 24 अप्रैल को दी, जिसमें कई चैंकाने वाले खुलासे सामने आये आरबीआई के 68607 करोड़ रुपये में बकाया रकम को 30 सितंबर, 2019 तक बट्टा खाते में डाली दी गई थी। साथ ही “आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के दिसंबर 2015 के फैसले का हवाला देते हुए विदेशी कर्जदारों के संबंध में जानकारी देने से मना कर दिया था।”
कितनो का नाम यहॉ से जानें :-
- इन डिफाल्टर्स की सूची मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड शीर्ष पर है, जिस पर 5,492 करोड़ रुपये का कर्ज है। गिली इंडिया लिमिटेड 1,447 करोड़ रुपये और नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड ने 1,109 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।
- दूसरे स्थान पर आरईआई एग्रो लिमिटेड 4,314 करोड़ रुपये का कर्जदार है। इस कंपनी के निदेशक संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला करीब एक साल से प्रवर्तन निदेशालय की जांच के घेरे में हैं। 4000 करोड़ रुपये लेे भगोड़ा हीरा कारोबारी जतिन मेहता की कंपनी विन्सम डायमंड एंड ज्वैैलरी का नाम है जिस पर 4,076 करोड़ रुपये का कर्ज है।
- 2000 करोड़ रुपए कानपुर की कंपनी रोटोमक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड है जोकि कोठारी समूह की कंपनी है, जिस पर 2850 करोड़ रुपए का कर्ज है।
- पंजाब की कुडोस केमी 2,326 करोड़ रुपये, बाबा रामदेव और बालकृष्ण की कंपनी समूह इंदौर स्थित रुचि सोया इंडस्ट्रीज 2,212 करोड़ रुपये और ग्वालियर की जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड 2,012 करोड़ रुपये कम्पनी इस सूची में शामिल हैं।
- 1,000 करोड़ रुपये में 18 कंपनियों के नाम हैं। इन कंपनियों में अहमदाबाद स्थित हरीश आर. मेहता की कंपनी फोरएवर प्रीसियस ज्वेलरी एंड डायमंड्स प्राइवेट लिमिटेड 1,962 करोड़ रुपये, भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी कम्पनी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड 1,943 करोड़ रुपये शामिल हैं।
- 1000 करोड़ से कम में इसमें 25 कंपनियां शामिल हैं। 605 करोड़ रुपये से लेकर 984 करोड़ रुपये का कर्ज इनके ऊपर है।