आज के समय में सभी लोग किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त है इंसान की सबसे बड़ी बीमारी है तनाव अगर इंसान एक बार तनाव में चला जाए तो सबसे ज्यादा खतरनाक उसके स्वस्थ पर पड़ता है तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोन का स्तर बढ़ता जाता है, जिनमें एड्रीनलीन और कार्टिसोल प्रमुख हैं। लगातार तनाव की स्थिति अवसाद में बदल जाती है। अवसाद एक गंभीर स्थिति है। हालांकि यह कोई रोग नहीं है, बल्कि इस बात का संकेत है कि आपका शरीर और जीवन असंतुलित हो गया है। अवसाद को मानसिक बीमारी माना जाता है मगर इसके लक्षण आपको बाहर से भी दिखाई देते हैं। आइये आपको बताते हैं अवसाद के लक्षणों के बारे में।
किसी काम में मन न लगना
अवसाद का सबसे प्रमुख लक्षण यही है कि व्यक्ति हर समय परेशान रहता है और उसका किसी काम में मन नहीं लगता है। सामान्य उदासी इसमें नहीं आती लेकिन किसी भी काम या चीज में मन न लगना, कोई रुचि न होना, किसी बात से कोई खुशी न होनी, यहां तक गम का भी अहसास न होना अवसाद के लक्षण हैं।
नकारात्मकता
अवसाद एक तरह से व्यक्ति के दिमाग को प्रभावित करता है। इसके कारण व्यक्ति हर समय नकारात्मक सोचता रहता है। जब यह स्थिति चरम पर पहुंच जाती है तो व्यक्ति को अपना जीवन निरूद्देश्य लगने लगता है। इसके अलावा हमेशा हीन भावना से ग्रस्त होना अवसाद का मुख्य लक्षण हो सकता है।
नींद की कमी
शारीरिक लक्षण जैसे नींद न आना या बहुत नींद आना। बीच रात को नींद खुल जाना और यदि यह दो सप्ताह से ज्यादा हो तो ये अवसाद के लक्षण होते हैं। अवसाद बिना किसी खास कारण के भी हो सकता है। ये धीरे-धीरे घर करता जाता है और बजाए मदद की कोशिश के लोग इससे संघर्ष करते रहते हैं। मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर, अवसाद का एक ऐसा प्रकार है, जिससे बहुत सारे लोग प्रभावित होते हैं। इस अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति में मिश्रित लक्षण नज़र आते हैं और यह अवसाद रोगी के काम करने, सोने, पढ़ने, खाने और आनंद लेने की क्षमता को प्रभावित करके कामकाज में प्रभाव डालता है।
कैसे करें डिप्रेशन से बचाव
कुछ लोगों को जितना भी काम मिलता जाता है, लालच में लेते जाते हैं। ज्यादा मेहनत करना अच्छी बात है लेकिन अपने हाथ में काम उतना हीं लें जितना आप बिना किसी तनाव में आये समय पर पूरा कर सकें। अपनी क्षमता से ज्यादा ऑर्डर या काम लेने से आप काम करते वक्त तनाव में रहेंगे जिससे आपके साथ साथ आपके घरवाले भी तनाव में रहेंगे जिसका बुरा प्रभाव सब पर पड़ेगा और आपके काम कि क्वालिटी भी ख़राब होगी जिसके चलते आपको अलग से तनाव झेलना होगा।आप चाहे जितना भी काम करें, कुछ समय के लिए मन बहलाने वाली चीजों में भी मन लगायें। इससे आप तनाव से बचे रहेंगे साथ हीं साथ आपकी कार्य क्षमता भी बढ़ेगी। म्यूजिक सुनें, फ़िल्म देखें, कोई खेल खेलें, दोस्तों या परिवार के साथ या अपने किसी खास दोस्त के साथ गप्पे लड़ाएं या कही घूमने जायें या किसी अन्य गतिविधि में लिप्त हों जिसमें आपका मन लगता हो।