सत्यम् लाइव, 4 जुलाई 2023, दिल्ली।। हिन्दु पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास समाप्त हो चुका है और आज से भोलेनाथ का प्रिय मास सावन प्रारम्भ हो चुका है इस वर्ष सावन मास की सबसे बड़ी विशेषता है कि ये 59 दिनों का होगा। जिसमें 10 जुलाई को प्रथम सोमवार से प्रारम्भ होकर अन्तिम सोमवार 31 अगस्त को पडेगा।
सावन मास में शिव एवं पार्वती माता की पूजा एवं उपवास को विधिविधान के साथ किया जाता है। अधिमास के नाम से कहे जाने वाले इन 2 सावन मास में अधिमास के जुड़ जाने से दूसरे माह में 5 सोमवार और जोड़ गये हैं। अधिमास में भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है अतः ये अत्यधिक शुभ संयोग है कि भगवान विष्णु और भगवान शंकर का पूजन एक साथ करने का शुभ अवसर प्राप्त होगा।
हिन्दु पंचाग के 12 माह में कई बार 2 तिथि 1 दिन में या 1 तिथि के 2 दिन में पड़ती है। इन तिथियों की गणना धर्म के काल गणना के अनुसार सूर्य-चन्द्रमा और पृथ्वी के बीच का सम्बन्ध में अन्तर आ जाता है जो लगभग 10 या 11 दिन का होता है। एक वर्ष में लगभग 354 दिनों के इस संयोग को बराबर करने के लिये 3 वर्षों के बाद 30 या 33 दिन के अन्तर को वैदिक गणित के अनुसार इस कलेण्डर को पुनः संतुलित किया जाता है
जिसके कारण अधिमास या पुरूषोत्तम मास के नाम से एक माह जोड़ दिया जाता है ये गणना इस्लामिक कलेण्डर में नहीं की जाती है जिसके कारण उनके कलेण्डर में त्रुटि है परन्तु पंचाग में कितने ही वर्षो के पश्चात् का सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण इसी वैदिक गणित के आधार पर सत्य निकाला जाता है।
सुनील शुक्ल
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