सत्यम् लाइव, 20 मई, 2020, दिल्ली।। बंगाल की खाडी से उठे चक्रवात ‘अम्फान’ का प्रभाव और ज्यादा बढ गया है। ओडिशा में सुबह 4:30 बजे के करीब कुछ हिस्सों में 82 Km/h की रफ्तार से हवा का बहाव था पूरे क्षेत्रवासियों को लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। राज्य सरकार के साथ मेें केन्द्र सरकार ने वहॉ पर सेनाओं सहित कई टीमें वहां तैनात कर रखी हैं। सूचना केे अनुसार ऐसी हलचल आज तक समुद्र में नहीं देखी गयी है अम्फान ओडिशा समेत तट से सटे 8 राज्यों में भंंयकर तबाही मचा सकता है। इसके मद्दे नजर पहले ही अलर्ट क्षेत्र बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु है साथ ही ओडिशा और पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि तूफान से एक भी व्यक्ति की मारा न जाए, इसकी व्यवस्था की गई है। इस चक्रवात के कारण बिहार की राजधानी पटना समेत कई शहरों में इस चक्रवात से भारी बारिश हो सकती है और तापमान में भी गिरावट आयी है। आज प्रात:काल दरभंगा, मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में, हवा में ठण्डक महसूश हो रही थी। पूर्णिया के बायसी में वज्रपात से पॉच लोगों की मौत हो गयी है। मंगलवार की सुबह दरभंगा और मधुबनी ने ऑधी से काफी क्षति पहुॅची है। झारखण्ड और छत्तीसगढ से भी कुछ ऐसी ही सूचना प्राप्त हो रही हैं। इस पूरे क्षेत्र में, भयंकर बारिश के साथ ऑधी के आसार बन रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मौसम विभाग का कहना है कि ये आज शाम तक उत्तर प्रदेश मेंं भी मौसम में ठण्डक प्रवेश कर जायेगी। साथ दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखण्ड एवम् पंजाब के मौसम में ठण्डक आ जायेगी। साथ ही इस पूरे क्षेत्र में 23 तारीख तक मौसम, ऑधी, बारिश का अनुमान लगाया गया है साथ ही 23 मई के बाद फिर से मौसम, पूरे क्षेत्र का खुल जायेगा और गर्मी पूरे क्षेत्र में प्रचण्ड रूप धारण कर लेगी। उत्तर प्रदेश के अन्दर को अगर समझें तो 20 मई की रात से पूर्वांचल के जिलों में मौसम करवट लेगा। बंगाल की खाड़ी में उठने वाले तूफान का असर 20, 21, 22 और 23 मई को प्रदेश के 17 जिलो में पड़ने की संभावना है। इन जिलों में आंधी बारिश होगी। कहीं-कहीं बहुत प्रचण्ड वेग से ऑधी और भारी बारिश होने का अनुमान है। फसल में शेेेष बची सब्जी को अब काफी नुकसान हो सकता है। चक्रवाती तूफान से कई राज्यों के किसानों को काफी नुकसान हो सकता है, खासकर अब उत्तर प्रदेश की बहुत बडे क्षेत्र में आम तैयार है, आंधी चलने से आम की बौर गिर सकती है, खेतों में पानी ज्यादा होने से परवल एवं प्याज की फसल को नुकसान हो सकता है। इस वर्ष में इस चक्रवात ने जेष्ठ मास की धूप को धरती पर नहीं पडने दी है। उमस भरी गर्मी का समय आ चुका है जब कि गर्मी की तपन का समय, धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। तपन अब हो सकता है कि बरसात के दिनों में उमस के साथ पडे। छत्तीसगढ और मध्य प्रदेश में जो धान की फसल खडी है वो सब झुक सकती है।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
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