दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यकाल में शिक्षा व्यवस्था पर विशेष बदलाव होने के पीछे कारण है क्या डिजिटिलाइजेशन नहीं ? पूरा देश तकनीकि व्यवस्था में अब नया नया सा लगने जा रहा है, मौजूदा सत्र में शिक्षक की उपस्थिति के समय में बदलाव किया जा सकता है।
सत्यम् लाइव, 13 मई 2020, दिल्ली।। नोवेल कोरोना वायरस के कारण पूरा भारत, 23 मार्च से और सभी स्कूूल लगभग 12 मार्च से बंद है 17 मई तक अभी लाॅकडाउन है। हलॉकि पिछली सूचना के अनुसार दिल्ली स्कूल 11 मई से 30 जून तक बन्द कर दिये गये हैं। इसके दौरान सभी अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की चिन्ता है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह दोस्तारा नें, लाॅकडाउन के बीच करीब 50 से ज्यादा शिक्षण संस्थानों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात की, राजस्थान सरकार ने इस दौरान कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें सबसे अहम प्रदेश के सभी स्कूलों को एक जुुलाई से खोलने का है। राजस्थान के सभी स्कूलों कों भले ही एक जुलाई सें सभी स्कूल खोल दिए जाएंगे, लेकिन सभी अध्यापकों और अध्यापिकाओ को स्कूल में 26 या 27 जून से आना होगा और मौजूदा सत्र में शिक्षक की उपस्थिति के समय में बदलाव किया जा सकता है। इसी तर्ज पर दिल्ली सरकार ने भी आगेे काम करने को सोचा है एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट www.edudel.nic.in पर एक ऑनलाइन सुझाव फॉर्म जारी किया गया है जिसके माध्यम से जहां छात्र, शिक्षक, प्रधानाचार्य और अभिभावक अपने सुझाव दे सकते हैं। इसमें कहा गया कि ऑनलाइन प्राप्त होने वाले व्यावहारिक और कुछ अलग हटकर दिए गए बेहतर सुझावों को शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के साथ साझा किया जाएगा। बयान के मुताबिक, ”संवाद सत्र इस पर केंद्रित रहेंगे कि कोविड-19 के कारण पैदा हुए हालात के मद्देनजर सामने आई चुनौतियों और अवसरों को सभी पक्ष किस रूप में देखते हैं।साथ ही लॉकडाउन की अवधि के बाद गुणवत्ता भरी शिक्षा और सभी बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आने वाले समय की संभावित परेशानियों को दूर करते हुए शिक्षा व्यवस्था को सुचारू करने पर भी चर्चा होगी।” एक बात अभी तक मेरे समझ मेंं नहीं आ रही है कि क्या कोरोना पूरी कलयुग भारत की धरती पर रहने वाला है क्योंकि सभी का कुछ ऐसा ही वयान है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि ”सदैव हमे कोरोना के साथ रहना सीखेंगे, धीरे-धीरे स्कूल भी खुलेंगे। शिक्षा से संबंधी नए विचारों पर काम करने की जरूरत।” लाॅकडाउन के बाद स्कूली शिक्षा को लेकर दिल्ली सरकार ने शेयर होल्डर्स से संवाद शुरू किया है। इसको लेकर सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने पहले भी चुनौतियों का सामना किया है। इस बार पूरी दुनिया एक साथ इस चुनौतियों का सामना कर रही हैं। जल्द ही हम कोरोना के साथ रहना सिखेगेंं। धीरे-धीरे स्कूल भी खुलेंगे। अब हमें जरूरत है कि शिक्षा संबधी नए विचारों पर काम करें। क्योंकि लम्बे समय से एक तरह का पैटर्न चल रहा है। अब हमें नए सिरे से विचार करने कि जरूरत है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दिल्ली में स्कूलों के भविष्य के ऊपर संवाद किया। इसमें छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और प्रिंसिपलों के साथ इस संवाद का मुख्य उद्देश्य भविष्य की शिक्षा पर रचनात्मक विचार करना है। अगले सप्ताह दिल्ली के प्रमुख हित धारको से पुनः स्कूल खोलने संबंधी सुझाव लिए जाएंगे। उन्होने बताया कि इसके लिए शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट www.edudel.nic.in पर एक ऑनलाइन सुझाव सभी छात्र, शिक्षक, प्रधानाचार्य और अभिभावकों से सुझाव देने के लिये निवेदन किया है। जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ रहे है, उनके अभिभावक अपना सुझाव दे सकते हैं। इनमें व्यावहारिक और आउट ऑफ द बाॅक्स सुझाव भेजने वालों को ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म पर डिप्टी सीएम के साथ संवाद के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियोंं के मुताबिक नये सेलेबस पर गाइड लाइन्स तैयार की जा रही है। लाॅॅकडाउन के बाद जब स्कूल खुलेगें तो उस गाइड लाइन्स का पालन किया जायेगा। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंंक’ ने समस्त राज्य के शिक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में सुरक्षा हेतु दिशा निर्देशों पर विचार किया था।
पत्रकार मंसूर आलम
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