सत्यम् लाइव, 18 मार्च 2024, दिल्ली! श्री कृष्ण जन्मभूमि का केस लड़ रहे मुख्य पक्षकार दिनेश शर्मा ने कहा कि न्यायालय द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य पर मुकदमा दर्ज करने का जो आदेश दिया गया है, वह बहुत ही सराहनीय है। सनातनी हिन्दुओं द्वारा न्यायालय में स्वामी प्रसाद के बयान पर आपत्ति जताते हुए प्रार्थना पत्र दिया गया था। माननीय न्यायलय द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया गया है। हिन्दू वादी नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि न्यायालय इसी प्रकार कार्रवाई करती रही तो आने वाले समय में कोई भी बड़ा राजनेता सनातन धर्म के खिलाफ बोलने से पहले 100 बार सोचेगा, ऐसे नेताओं पर कठोर से कठोर कार्य होनी चाहिए। सभी सनातनी हिंदू आज बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य, सभी राजनीतिक पार्टियों में रहा है और उसने पद पर रहकर खूब मलाई खाई है। उसकी संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा, भाजपा में रहकर स्वामी प्रसाद ने काफ़ी संपत्ति अर्जित की है, ऐसे लोग केवल सरकार में रहना चाहते हैं। इनको किसी भी धर्म में सहानुभूति नहीं होती है। ऐसे लोग दल बदल कर वोट बैंक की राजनीती करते हैं। कृष्ण जन्मभूमि का केस लड़ रहे दिनेश शर्मा फलाहारी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य पर जो कार्रवाई हुई है उससे सभी सनातनी हिंदुओं में बहुत ही खुशी हुई है और इसी प्रकार यदि कार्रवाई होती रही तो आने वाले समय में ऐसे भ्रष्ट नेताओं को बोलने से पहले सोचना पड़ेगा। इस प्रकार के लोग अपने समाज के भी हितेषी नहीं होते हैं। ये लोग अपने समाज को भी गिरवी रख देते हैं।
यह लोग अपने समाज को मूर्ख बनाते हैं और अपना उल्लू सीधा करते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी हमारे पवित्र ग्रंथ रामायण पर टिप्पणी कर चुका है। हम सभी सनातनी हिंदू न्यायालय को धन्यवाद देते हैं जिसने इतना अच्छा आदेश दिया है। उन्होंने मोदी जी अपील की है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को पागल खाने में भेजा जाए तभी सनातन धर्म के खिलाफ बोलने पर इसका प्रायश्चित माना जाएगा।
नीरज दुबे (वरिष्ठ पत्रकार)
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