सत्यम् लाइव, 28 दिसम्बर 2022, दिल्ली।। ड्रोन की बार-बार बात हुई परन्तु ये खबर नहीं लग पाई कि ड्रोन किस हद तक कार्य करेगा। दिल्ली के मैट्रो लाइन पर ड्रोन गिरने के बाद जब ये पता करने का प्रयास किया कि ड्रोन दवाई लेकर कहॉ जा रहा था और उससे दवाई पहुॅचाने के लिये क्यों प्रयास किया जा रहा है? तब पता चला कि इस माल पहुचाने का परीक्षण अब पूरा होने वाला है और ये तय हो चुका है कि ड्रोन माल भी पहुॅचायेगा।
ड्रोन से ही मेघालय में एक पीएचसी पर दवाओं की आपूर्ति की जा चुकी है और सफलता भी मिली। जिससे ये ज्ञात किया जा सका कि दुर्गम इलाकों में ड्रोन के माध्यम से माल का भेजा जा सकता है। दवाई जैसी कई तरह के माल को भेजकर किसी की जान को बचाया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल में स्काई एयर मोबिलिटी के एक ड्रोन ने 104 किमी की हवाई दूरी तय कर ई-कॉमर्स कंपनी की दवाएं पहुंचाई थी। यह सबसे लम्बी दूरी बताई जा रही है सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि साढ़े तीन किलो के वजन की दवाओं को अगर सड़क मार्ग से पहुंचाया जाता तब साढे पॉच घण्टे लगते क्योंकि सड़क के रास्ते से लगभग 180 किमी चलता पड़ता। परन्तु ड्रोन अर्थात् ‘उड़न तश्तरी’ से मात्र एक घण्टे में ये कार्य पूरा किया जा सका।
विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ कि आगे योजना ये है कि राशन भी लोगों तक ड्रोन के माध्यम से पहुॅचाया जायेगा।
ड्रोन से नुकसान या फायदे की तस्वीर को जब देखें तो ज्ञात होता है कि 100 किलोमीटर का व्यापार ई-कॉमर्स के माध्यम से पूरा किया जा सकेगा और आदमी उस उड़ती हुई तस्तरी को देखकर आपस में कहेगा कि कितना विकास कर लिया हम सबने कि आराम से बैठकर हवा खाओ। सारा कार्य रोबोट और उड़न तस्तरी पूरा कर लेगी।
सुनील शुक्ल
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