देशी गाय के घी से बने पंचगव्य को दो-दो बूंंद सुबह शाम दोनों समय नाक में डालने को कहा। भोजन में चौलाई, पालक, पेठा, प्याज, ब्राम्ही या शंखपुष्पी का रस 1 चम्मच सुबह-शाम पिलायें।
सत्यम् लाइव, 8 मई 2020 दिल्ली।। भले ही पारदर्शिता लाने की बात सरकार डिजीटिलाइजेशन की बात कर रही हो और इसी को विकास की परिभाषा से परिभाषित कर रही हो परन्तु जमीनी स्तर पर सच्चाई ये है कि ये खेल प्रकृति को भी पसन्द नहीं आ रहा है। इस विकास को रोकने के लिये स्वयं अपदाओं के साथ इस विकास को रोका जा रहा है पिछले दो चक्रवात और फिर अब आये 10 भूकम्प क्या इसकी गवाही नहीं दे रहे हैं? यदि नहीं तो और आप कहोगे कि ये प्रकृति आपदा तो आती ही रहती है। तो फिर एक नजर जरा अपने समाज की तरफ कर के देखें तो पायेगें कि पिछले 8 सालों में भारतीय समाज में, मानसिक रोग लगातार बढे हैं और भयभीत समाज के ऊपर ये विकास जो मोबाईल के रूप में थोपा जा रहा है उसका भारतीय समाज विरोध कर रहा है परन्तुु सरकारें ये बात सुनने को तैयार नहीं है कि भारतीय मनोवैज्ञानिक भी कुछ कह रहा है। गरीब परिवार शिक्षा व्यवस्था पर इतना पैसा कहा ये खर्च करेगा इस पर भारत के शिक्षक भी चिन्तित हैं साथ में, अभिभावक कह रहे हैं कि इस शिक्षा व्यवस्था से, मानसिक अवसाद सहित मिर्गी के दौरे और ज्यादा बढते हुए चले आ रहे हैं ऐसा कई अभिभावक ने शिक्षा व्यवस्था पर आज उॅगली उठाई है। कुछ अभिभावक तो इस बात पर तैयार हैं कि पागल होते लडके से कहीं ज्यादा अच्छा है कि अपने बच्चे को कोई काम सीखा कर कम पैसे में गुजारा करना सीखा दें। ऐसे ही दिल्ली ईस्ट में एक गार्ड अभिराम की तीन साल की विटिया को मिर्गी केे दौरे पडे हैं और करावल नगर के निवासी जगत सिंह के 11 साल के लडके को मिर्गी के दौरे की शिकायत आ रही है और साथ ही कल शाम मण्डोली में राह जाती हुई मॉ ने कहा कि उसके बेटे को भी मोबाईल में लगातार खेल खेलता रहता है उसे मिर्गी के दौरे पडें है और सारे परीक्षण केे बाद मस्तिष्क में किसी प्रकार की कोई बीमारी के संकेत नहीं मिले हैं तब जीटीबी के डॉक्टर ने कहा कि इसे मिर्गी का दौरा पडा था। भारतीय चिकित्सा पद्धति में जब वैद्य रत्नाकर से मिर्गी के इलाज के बारे में पता किया तो उन्होंने भोजन की प्रक्रिया को सुधार कर इस दौरे को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि देशी गाय के घी से बने पंचगव्य को दो-दो बूंंद सुबह शाम दोनों समय नाक में डालने को कहा। भोजन में चौलाई, पालक, पेठा, प्याज, ब्राम्ही या शंखपुष्पी का रस 1 चम्मच सुबह-शाम पिलायें। जटामांसी भी बहुत उपयोगी है। इन सबका उपयोग हो जाता है तो ठीक है अन्यथा हल्के भोजन के साथ आयुर्वेद में सर्पगन्धाघन बटी की एक गोली रात्रि में सोते समय अवश्य देंं। जब किसी को दौरा पडता है तो उसे दांयी करवट लिटा दें ताकि मुॅह से झाग आसानी से निकल जाये। दौरा पड जाने पर कुछ न खिलायें बल्कि दौरे के समय चूने की गंध सुंघानी चाहिए जिससे बेहोशी दूर हो जाये। या फिर तुलसी के 4-5 पत्ते कुचलाकर उसमें कपूर मिलाकर रोगी को सुघायें। होश आ जाने पर यदि उस व्यक्ति का मुॅह कट गया हो तो उसे कर्पूरादि बटी की चार-चार गोली चुसने को दे दें। जिससे उसका कटा हुआ मुॅह ठीक हो जायेगा। धर्म के प्रति आस्था रखकर साथ ही घर का माहौल भक्ति पूर्वक बनाकर इस रोग को समाप्त किया जा सकता है घर की साफ सफाई का अपनी श्रद्धा से लगातार करती रहनी चाहिए। आपको बता दें शरीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होते हुए को मिर्गी केे दौरे पडते हैं। अत्यधिक शराब पीने, अधिक शारीरिक श्रम करने या फिर सर पर कोई चोट लगने पर या फिर लगातार मानसिक तनाव रहने पर दौरा पडता है। घरेलू उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है। इसी कारण से स्त्री को पुरूष की शक्ति कहा जा सकता है।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल 9717534480
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