सत्यम् लाइव, 1अप्रैल 2022, गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में भाजपा की दुबारा सरकार बनते ही योगी आदित्यनाथ अपनी अपराध और भ्रस्टाचार के प्रति अपनी जीरो टोलरेंस की नीति को अपनाते हुए गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार को ससपेंड कर दिया गया | पवन कुमार की ससपेंड की मुख्य वजह अपराध को रोकने में नाकाम रहना और ड्यूटी में लापरवाही बरतने की बताई जा रही है| उनके निलंबन की सब से बड़ी मुख्य वजह चार दिन पहले गाजियाबाद में सोमवार को हुई 25 लाख की हुई लूट को माना जा रहा है |
सोमवार को यहाँ मोटर साईकिल से आए तीन बदमाशों ने चार पेट्रोल कर्मियों से फायरिंग कर के 25 लाख रूपये लूट लिए थे | जब पेट्रोल कर्मियों ने इसका विरोध किया तो बदमाशों ने फायरिंग की और लूट को अंजाम देते हुए बच कर भाग गये थे| इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखलेश यादव ने सरकार की नीतियों और बढ़ते अपराध पर सवाल उठाए थे| इससे पूर्व 23 मार्च को गाजियाबाद के इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में बदमाशों ने निजी कंपनी में घुसकर 10 लाख रुपये लूट लिये थे। इसी दिन शहर में बदमाशों ने असलहे के जोर पर एक महिला के जेवर भी लूटे थे। लगातार हो रही संगीन घटनाओं पर एसएसपी अंकुश लगाने में नाकाम रहे। 10 मार्च को मतगणना के दिन पवन कुमार का कुछ वरिष्ठ भाजपा नेताओं से विवाद भी हुआ था।
2009 के आई.पी.एस अफसर पवन कुमार पिछले साल ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लोटे थे| पहले उन्होंने मुरादाबाद और फिर पिछले साल 16 अगस्त को गाजियाबाद जनपद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में कमान संभाली थी| फिलहाल जब तक गाजियाबाद में नये एस.एस. पी की नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक मेरठ रेंज के आई.जी प्रवीण कुमार गाजियाबाद की कमान संभालेंगे.
संवाददाता : राहुल वशिष्ठ
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