
द्वारा: सुनील शुक्ल
सत्यम् लाइव, 11 जुलाई 2020, दिल्ली।। वैसे तो यह कहनेे में कोई अतिशेक्ति न होगी कि अपने भाषणों में आज के राजनेता क्या बोलते हैं उन्हें खुद नहीं पता होता है और अक्सर देखा गया है कि उनके द्वारा बोली गयी पहली लाइन और दूसरी लाइन में ही विरोधावास होता है। भारतीय शिक्षा व्यवस्था के लिये ही चाणक्य ने पूरी सत्ता व्यवस्था को गिरा दिया। झारखण्ड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, मंगलवार को रामगढ़ के प्लस टू गांधी स्मारक उच्च विद्यालय में शिक्षा संगोष्ठी कार्यक्रम में शामिल होने पहुॅचे थे। अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि झारखण्ड की शिक्षा नीति यहॉ की जनता स्वयं तय करेगी, उसके लिये एसी रूम में बैठकर मैं कोई काम नहीं करूंगा। साथ ही एक अहम् बात कही कि कि जो सरकारी स्कूल में पढ़ेगा, उसे ही सरकारी नौकरी मिलेगी। शिक्षकों से अपील करते हुए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो जी ने कहा कि निजी विद्यालय के प्रति लोगों का जो झुकाव है, उसे बदलना है सरकार शिक्षा के क्षेत्र में काफी खर्च कर रही है। उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे सरकारी विद्यालय निजी विद्यालयों के साथ बराबरी करें। हम सभी भी दो कदम आगे आकर काम करना है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में लीडर स्कूल बनाया जाएगा। इससे पूर्व संगोष्ठी का शुभारंभ शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, विधायक ममता देवी ने दीप प्रज्वलित कर किया। अपने ही भाषण में एसी में बैठकर नियम न बनाने वालेे ने, ऑनलाइन पर जोर देते हुए शिक्षकों को तैयार हो जाने को कहा। जबकि इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि ऑनलाइन शिक्षा में न सिर्फ मोबाईल की अपितु बिना बिजली केे ये काम पूरा न होगा। विश्व का एक मात्र उद्योग जगत का कृषि प्रधान देश का उद्योग बदल कर यदि विकास कहा जायेगा। तो निश्चत तौर पर भारतीय शास्त्रों का अनदेखा ही कहा जायेगा। दूसरी तरफ दिल्ली मेें सरकारी स्कूलों से ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था जो प्रारम्भ हुई है उसमें जो होम वर्क बच्चों को भेजा जा रहा है उसमें महेन्द्र Tech Mahindra Foundation करा रहा है। यहॉ से दूसरा प्रश्न अवश्य खडा होता है क्या सरकारी स्कूल भी प्राइवेट के हाथ में होने जा रहे हैंं। ऐसा ही पंजाब और हरियाणा सहित राजस्थान में कुछ चल रहा है।
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