छत्‍तीसगढ में ओले और बिजली से तबाही

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  • पिछले चार दिनों से प्रदेश के रायगढ़, जशपुर और कोरिया जैसे इलाकों में हो चुकी है ओलावृष्टि
  • ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अधिक तापमान 40 डिग्री और सबसे कम 20 डिग्री
  • छत्‍तीसगढ में भारी तबाही
  • छत्‍तीसगढ के ऊपर चक्रवात का घेरा लगभग 0.9 किलोमीटर पर स्थिति है यह एक मेघालय तक विस्‍तारित है।

सत्‍यम् लाइव 27 अप्रैल, 2020।। एक तरफ जहॉ नोवेल कोरोना नामक महामारी का संकट पूरी दुनिया मेें छाया हुआ है वहीं दूसरी ओर मौसम भी पिछले चार दिनों से अपनेे व्‍यवहार में परिवर्तन लेकर आया है। जहॉ सभी प्रदेश में बादल छाये हुए हैंं उसमें से इस ऋतु में भारत के मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, दिल्‍ली, राजस्‍थान, हरियाणा, पंजाब में बहुत गर्मी भरा होता है मध्‍य प्रदेश के अन्तिम भाग से मौसम में गर्मी होती है परन्‍तु उधर बरसात प्रारम्‍भ हो जाती है और बरसात के कारण इन दिनों दिन में तापमान भले ही अधिक हो लेकिनशाम का मौसम खुशनुमा हो जाता है परन्‍तु पूरे देश में ही इस बार का मौसम कुछ ऐसी स्थिति मेें है कि सब के दिल में, असंमजस की स्थिति है। 31 जनवरी 2019 तक दिल्‍ली में, भीषण ठण्‍ड पडती है और 1 जनवरी 2020 को कडी धूप निकल आती है और चार दिन की धूप केे बाद फिर वैसी ही ठण्‍ड हो जाती है। वैसी ही स्थिति इस वर्ष पूरे देश की बनी हुई है। आपको बता दें कि जहॉ दिल्‍ली समेत पूरे उत्‍तरी क्षेत्र में, इतनी गर्मी नहीं पड रही है वहीं बरसात भी हो जाती है दूसरी तरफ जहॉ पर बरसात का मौसम आ चुका है वहॉ पर पिछले चार दिनों से प्रकृति ने छत्‍तीसगढ में ऐसा खेल खेला है कि छत्‍तीसगढ केे कुछ क्षेत्र में सरकार कोरोना को भूल गयी है। कई हिस्‍सों में ऐसी प्राकृतिक आपदा आई हुई है कि खेत में खडी गेहूॅ की फसल अब कट पाना न मुनकिन है बहुत बडे क्षेत्र में पेड का गिरना ये सामान्‍य सी बात है और पूरे क्षेत्र में जगह जगह पानी भरा होना ऐसा लग रहा है कि मानो कुछ नया सा करने का मन बना लिया है इस वर्ष के मौसम ने।

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ओलों की वजह से कुर्सी का दृश्‍य

छत्‍तीसगढ के कोरिया जिले से प्रारम्‍भ करते हैं बात शनिवार 25 अप्रैल 2020 की है बादल आये और बारिस प्रारम्‍भ हुई हल्‍की सी हवा चलती है और बिकराल रूप धारण करेे ओले गिरने लगते हैं इस क्षेत्र का तापमान सामान्‍यता 35 डिग्री के लगभग होता है पिछले 5 सालों में लगभग 40 तक पहुॅच गया है। इस क्षेत्र मेें फसल कट चुकी परन्‍तु अभी की बारिस से खारीफ फसल जो जून में होती है वो खराब हो जायेगी। इस वर्ष जनवरी से बारिस हो रही है इस वर्ष गर्मी तो कम है परन्‍तु आने वाली फसल की उम्‍मीद मत करो। चिरमिरी, सोनहम, खडगवां, पटना, चरचा में ऑधी तुफान के साथ बारिस हुई है बैकुंठपुर के गाम पंचायत बुडार, बरपारा, खडगवां मेंं ओले गिरने की सूचना है।

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बिजली गिरने से बंदरों की मौत

जशपुर वो क्षेत्र है जहॉ पर माता सीता ने तुलसी के पौधे से मलेरिया की बीमारी के इलाज के लिये तुलसी का काढा बनाना सबको सिखाया था। उस क्षेत्र ने तो एक बार फिर से कमाल किया है पत्‍थलगाॅॅव और कोतबा के क्षेत्र में फसलों का जो नुकसान हुआ वो तो हुआ ही है गॉव में बने मिट्टी के घर टूट गये साथ ही शुक्रवार को अचानक मौसम ने अपना रूख कुछ ऐसेे दिखाया कि प्रत्‍यक्षदर्शी के अनुसार पहले तेज हवाऐं चलती हैं फिर बारिस प्रारम्‍भ होती है और फिर ओले गिरने लगते हैं और ओले भी ऐसे प्रशासन सतर्क हो जाता है ओले गिरने सीमेन्‍ट की शीट वाली छते भी टूट जाती हैं। खडी बसें और कारों के शीशे टूटना तो छोटी बात है उसकी गाडी की चद्दर भी दब जाती है इस पूरे ही जशपुर, कोरिया, रायपुुर की रोडों पर गिरे पेड ने गाि‍डियों का जो नुकसान हुआ है वो तो हुआ ही है साथ ही पूरी सडकेंं बन्‍द पडी है। इस कदर से टूटी कुर्सी और पानी की टंकी गवाह है कि ओले का साइज क्‍या रहा होगा?

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टंकी के ढक्‍कन की दशा बताती है कि ओले का क्‍या साइज था?

छत्‍तीसगढ की राजधानी रायपुर से प्रदेश के दृश्‍य विशेलेषण करते हैं छत्‍तीसगढ के मुख्‍यमंंत्री भूपेश बघेल ने कल अधिकारियों को निर्देश जारी किये। साथ ही नुकसान का जायजा करके पीडितों को मुआवजा देने को कहा है सीएम साहब ने जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा, रायगढ, बिलासपुर संभाग के अन्‍य जिलों में ऑधी तूफान तथा ओलावृष्टि की वजह से जान-माल सहित फसलों के नुकसान तथा अन्‍य कारणों से पीडितो को राहत पहुॅचाने के निर्देश दिए हैंं। रविवार दिनांक 26 अप्रैल 2020 को भी छत्‍तीसगढ के रायपुर सहित पूरे क्षेत्र में ऐसी ही घटनाऐं घटी हैं उसमें ज्‍यादातर खबर रविवार को राजधानी छत्‍तीसगढ से आयी हैं कुल आधे घंटे में 15 मिनट की तेज बारिस सहित ऑधी ने पूरी राजधानी को बहुत नुकसान पहुॅचाया है। पूरे शहर के होर्डिग्‍स फटे पडे हैं पेड ने सडकों पर अपना कब्‍जा जमा लिया है और बहुत बडे क्षेत्र में बिजली की समस्‍या बनी हुई है।

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प्राकृतिक आपदा के कारण बन्‍द हाईवे

बिलासपुर में 15 मिनट की तेज बारिस के साथ ऑधी ने शहर का दुर्ग का तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस रहा है तो बिलासपुर के स्‍टेशन पेड्रा रोड का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वैसे श्रीराम सांस्‍कृतिक शोध संस्‍थान न्‍यास के अनुसार बतायेंं कि छत्‍तीसगढ का ये क्षेत्र वो क्षेत्र है जहॉ पर श्रीराम ने बहुत दिनों तक वनवास काल में भ्रमण किया था बिलासपुर में श्रीराम के चरणों के अंगूूठे से जल आज भी निकल रहा है और ये पूरा क्षेत्र ही काफी बडा धार्मिक स्‍थल भी माने जाते हैं तो काले मुॅह के बन्‍दर बहुत बडी संख्‍या में हैं काले मुॅॅॅह का बन्‍दर ज्‍यादा परेशान भी नहीं करता है अत: लोगों के श्रद्धा का केन्‍द्र भी है जांजगीर चांंपा जिले के डभरा ब्‍लॉक के ग्राम कटेकोनी बडे में शुक्रवार की शाम को बिजली गिरने से ये 11 बन्‍दर बिजली की चपटे में आ गये। अब गॉव वालों का कहना है कि कोई बडी आपदा आ रही थी जो भगवान ने बचा लिया। सभी बन्‍दरों को दो मिनट के मौन धारण करके गॉवों वालों ने श्रद्धांजलि दी तथा तालाब के किनारे अन्तिम संस्‍कार कर दिया। कवर्धा से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं।

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सीमेन्‍ट की चद्दर की दशा

इस बदलाव मौसम केे कारण नोवेल कोरोना के कारण तो नहीं पर बदला हुआ मौसम कहता है कि अपने स्‍वास्‍थ्‍य को स्‍वयं ठीक रखना होगा। अचानक तापमान 40 डिग्री से 20 डिग्री तक का हो जाता है तो ये संकेत है सभी अस्‍पतालों में आने वाले दिनों में जगह ही न हो। अभी भी लोग अपने स्‍वास्‍थ्‍य को चेकअप कराने अस्‍पताल पहुॅच रहे हैं। ऐसा मेरा अनुमान है कोरोना संकट तो नहीं पर अब मौसम के बदलाव के कारण एक नयी महामारी भारत में प्रवेश कर रही है जो सच में व्‍यापक होने जा रही है।

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ट्रांसपोर्ट का नुकसान

मौसम विभाग ने पूर्वा अनुमान में बताया है कि कई क्षेत्रों में मौसम में बदलाव की संभावनाऐं हैं और पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं की वजह से एक दो दिन तक यहॉ बदलाव रहेगा। कई क्षेत्रों मेें सोमवार को भी बारिस होने की सम्‍भावना है। छत्‍तीसगढ के ऊपर चक्रवात का घेरा लगभग 0.9 किलोमीटर पर स्थिति है यह एक मेघालय तक विस्‍तारित है। अभी भी सम्‍भावनाऐं हैं कि बारिस हो और गरज चमक के साथ अच्‍छी बारिस हो, जबकि कई स्‍थानों पर बिजली गिरने की भी सम्‍भावनाऐं हैं।

उपसम्‍पादक सुनील शुक्‍ल

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