संयम जीवन स्‍वस्‍थ्‍य जीवन

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शरीर में छठ रस का निर्माण हो इसी कारण से हर घर में रसोई बनवाई गयी और स्‍त्री को इसी रसोई का कार्यभार सौंपकर ”स्‍त्री को पुरूष की शक्ति कहा गया”।

सत्‍यम् लाइव, 15 अप्रैल 2020 दिल्‍ली।। हॉ जी ये बात सत्‍य है कि आपकी रसोई आपकी शक्ति है आपके परिवार के किसी भी सदस्‍य की शरीर के अन्‍दुरूनी शक्ति जिसे अंग्रेजी में इम्‍युनिटी कहते हैं वो बढा सकते हैं सिर्फ अपने परिवार को भारतीय भोजन कराकर। आप सब इस बात को भली भॉति समझ लें। शरीर में छठ रस का निर्माण हो इसी कारण से हर घर में रसोई बनवाई गयी और स्‍त्री को इसी रसोई का कार्यभार सौंपकर ”स्‍त्री को पुरूष की शक्ति कहा गया”। शरीर की शक्ति बढाने के लिये डॉ एस बालक जी भी पिछले संदेश में कहा था इस बार कैसे बढा सकते हैं ये बताता हूॅ।

विटामिन सी :- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने का जो भोज्‍य पदार्थ काम करे। उसे विटामिन सी का प्राप्‍तक कहते हैं। हर खट्टे फलों में विटामिन सी मौजूद होता है जैसे सन्‍तरा, किन्‍नू, स्‍ट्रॉबेरी, जामुन, नींबू और आंवला। विटामिन सी श्‍वेत रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण कर देता है जो किसी भी कीटाणु अर्थात् वायरस से लडने में सझम है।

हल्‍दी :- हल्‍दी का उपयोग भारतीय समाज में हर रीति-रिवाज में शामिल किया गया है इसका वैज्ञानिक कारण भी था क्‍योंकि हल्‍दी दर्द निवारक तो है ही साथ में अन्‍दुरूनी शक्ति दूध में डालकर पीने पर इतनी बढा देती हैं कि जुकाम, खॉसी सब ठीक कर देती है। चोट लग जाने पर हल्‍दी खुले भाग में भी प्रयोग की जाती है अक्‍सर चूने के साथ भी प्रयोग की जाती है। चर्म रोग के लिये रामबाण औषधि है इसी कारण इसका उपटन बनाकर मुख पर लगाया जाता है जिससे चेहरे का रंग साफ हो जाता है।

लहसुन :- कुछ लोग तामसी होने के कारण इसे प्रयोग नहीं करते हैं तो मैं उनसे नहीं कहूॅगा कि इसका प्रयोग करेंं क्‍योंकि इसके जैसी कई चीजें है जो आप भोजन के साथ उपयोग करके अपने आपको स्‍वस्‍थ रख सकतेे हो। वैसे ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है निम्‍न रक्‍तचाप तथा शरीर की बन्‍द धमनियों को खोल देता है इसका प्रयोग अधिकतर सर्दी के दिनों मेें उपयोगी होता है।

अदरक तामसी नहीं है

और कफ की दुश्‍मन है

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अदरक :- अदरक भी गर्म खाद्य है परन्‍तु इसको तामसी नहीं कहा जाता है इसका उपयोग कफ जैसेे खांसी, जुकाम, सर दर्द में बहुत लाभदायक है। ये सब्‍जी में डालकर या तुलसी, लौंग, गुड के साथ काढा बनाकर जबरदस्‍त अदरूनी शक्ति अर्थात् इम्‍यूनिटी को बढा देती है। तिल या सरसों के तेल में डालकर खरल करने के बाद शरीर पर मालिस करने से शरीर का पुराने से पुराना दर्द भी समाप्‍त करती है। कोलेस्‍ट्रॉल को भी नियंत्रित करती है।

पालक के है गुण निरालेे

अन्‍दरूनी शक्ति बढाने वाले

पालक :- सब्‍जी में पालक जबरदस्‍त एंटीऑक्सिडेंट कही जाती है, विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है किसी को कीटाणु या वायरस को मार भगाने में ये अकेले ही सझम है इसके सम्‍पूर्ण पोषकतत्‍व पाने के लिये धीमी ऑच में ही पकाना चाहिए।

लौकी :- लौकी का एक नाम घिया भी बताया गया है इसका अर्थ है कि इसमें कुछ विशेष प्रकार का घी होता है जो शरीर के सम्‍पूर्ण बन्‍द नस को खुुल देता है इस लौकी का प्रयोग 7 तुलसी के पत्‍ते तथा 7 पुदिना के पत्‍ते डालकर सुबह यदि जूस पिया जाता है तो हृदयघात को भी समाप्‍त करनेे की शक्ति रखती है। लौकी से कई प्रकार की मिठाई भी बनाई जाती हैं। लौकी शुगर को भी समाप्‍त करने की शक्ति रखती है। पाचन को बढाती है शरीर में ताजगी लाती है तथा वजन को भी कम करती है।

तो फिर अभी से प्रारम्‍भ हो जाईये और अपनी अन्दरूनी शक्ति अर्थात् इम्‍युनिटी को बढाइये और निश्चिता के साथ जीवन यापन करिये। विश्‍वास कीजिए भारत माता पर और भगवान भास्‍कर के तेज पर जो सुबह सवेरे ही आपको दर्शन देकर सम्‍पूर्ण प्रकृति की कीटाणु अर्थात् वायरस से रक्षा करने चला आता है।

उपसम्‍पादक सुनील शुक्‍ल

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