सत्यम् लाइव, 9 मार्च 2023, दिल्ली।। इस संयोग कहा जाये या फिर नयी नीति परन्तु इस होली में स्वदेशी उत्पाद की भरमार रही। रंगों भरे त्यौहार में बाजार में रंग, पिचकारी, गुलाल, टी-शर्ट से बाजार लगातार पटा रहा। कारण कुछ भी रहा हो परन्तु भारतीयता के उत्पाद से भरी इस होली में स्वदेशी के सभी प्रेरक को प्रसन्न नजर आये।
दरअसल कोरोना वायरस के कारण पिछले तीन सालों से चीन से कोई भी उत्पाद भारत में नहीं आ पा रहा हे इसी कारण से इस वर्ष भारतीय उत्पाद बनाने वालों के मेहनत बाजार से रंगी हुई नजर आयी। थोड़े महॅगें उत्पाद का प्रयोग इस बार भारत के वासियों ने किया। गुलाल अपनी गुणवत्ता को लिये 10 रूपये से लेकर 100 रूपये किलो तक का बिका जबकि पिचकारी 6 रूपये से लेकर 800 रूपये तक बिका।
पिछले कई सालों से जो चाइना का 80 प्रतिशत बाजार भारत में सजता था वो सब समाप्त होता नजर आया। चीन से आने वाला सामान बहुत सस्ता होता था इसी कारण से भारत का व्यापारी उसे बेचता था परन्तु कोरोना काल से चीन से माल आना बन्द है इसी कारण से थोड़ा महॅगा सामान खरीद कर भारतीय व्यापारी ने बेचा और स्वदेशी माल को प्राथमिकता देना उनकी विवश्ता रही हो या फिर प्रसन्नत पूर्ण कार्य हुआ हो परन्तु स्वदेशी पर कार्य हुआ।
सुनील शुक्ल
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