ईदगाह पक्ष को मेवात में दस एकड़ ज़मीन देने को तैयार हूं: दिनेश शर्मा

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सत्यम् लाइव, 9 फरवरी, 2024, मथुरा! श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा का केस लड़ रहे पक्षकार दिनेश शर्मा ने हमारे वरिष्ठ पत्रकार नीरज दुबे से कहा कि हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी के बयान का समर्थन करते हैं और मुस्लिम समाज से अपील करते हैं कि योगी जी के बयान को गंभीरता से लेते हुए आप लोग काशी और मथुरा से अपना अवैध कब्जा हटा लें और कब्जे के बदले में मेवात में हमसे 10 एकड़ जमीन ले लें और हम मस्जिद का टूट फूट का खर्च तथा बनाने का खर्चा भी देने को तैयार हैं।

श्री कृष्ण जन्म भूमि संघर्ष न्यास के हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि योगी जी ने बहुत ही सोच समझकर यह अपील की है क्योंकि मुगल शासकों द्वारा हिंदुओं के मंदिर काशी में तथा मथुरा में अवैध कब्जा किया गया था ।अयोध्या को हम लोगों ने न्यायालय के द्वारा जीत लिया है अब काशी और मथुरा की बारी है। काशी में माननीय न्यायालय द्वारा सर्वे का आर्डर हो चुका है और सर्वे की रिपोर्ट भी माननीय न्यायालय में जमा की जा चुकी है। न्यायालय ने काशी में पूजा का अधिकार भी दे दिया है और मथुरा में माननीय न्यायालय द्वारा सर्वे का ऑर्डर दे दिया गया था जिसको सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे कर दिया गया है।

बहुत जल्दी मथुरा में भी सर्वे होगा। हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि मुस्लिम समाज को अपने मुगल शासकों की भूल को सुधारने का बहुत बड़ा मौका हाथ लगा है, मुस्लिम समाज के सभी बुजुर्गों और बुद्धिजीवियों को आगे आ कर न्यायालय के बाहर समझौता की पेशकश को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अलीगढ़ के इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब ने कहा है कि सभी लोग जानते हैं मुगल शासकों ने मंदिरों पर कब्जा करके मस्जिद बनाई थीं, इन मस्जिदों को मुस्लिम भाइयों द्वारा हटा लेना चाहिए। दिनेश शर्मा ने कहा कि जो सच्चे मुसलमान हैं वह अपनी गलती स्वीकार कर रहे हैं लेकिन जो कट्टरपंथी मुसलमान हैं वह हिंदू मुसलमान को लड़ना चाहते हैं।

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हमारी सभी से अपील है कि अपने मुगल शासकों की भूल सुधार करके अपनी मस्जिद यहां से हटा लें और मेवात में ले जाएं। वहां पर 10 एकड़ जमीन श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास देने को तैयार है तथा मस्जिद का टूट फूट का खर्चा और मस्जिद का बनाने का खर्चा भी श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास देने को तैयार है। इसलिए मुस्लिम भाइयों को आगे आना चाहिए और इस ऐतिहासिक फैसले पर विचार करना चाहिए, ऐसा मौका बार-बार नहीं आता है। उन्होंने कहा कि मेवात में मुस्लिम समाज की जनसंख्या ज्यादा है तो वहां पर मस्जिद बनाकर नमाज अदा करें और ब्रजभूमि में कृष्ण भक्तों की संख्या ज्यादा है, इसलिए यहां पर कृष्ण भक्त कृष्ण भजन कीर्तन करेंगे और पूजा अर्चना करेंगे। उन्होंने कहा यदि मुस्लिम समाज ने न्यायालय के बाहर समझौता नहीं माना तो वह अपने सभी मंदिरों को न्यायालय के द्वारा जीतेंगे, क्योंकि मुगल शासकों ने लगभग 40000 हिंदू मंदिरों को तोड़ा था,

हम उन सभी मंदिरों को लेकर रहेंगे ।यदि मुस्लिम समाज भाईचारा निभाना चाहता है तो आगे आए और हमसे समझौता करे जिससे आगे भी भाईचारा कायम हो सके, नहीं तो न्यायालय के द्वारा अवैध कब्जे हर हाल में हटेंगे क्योंकि मुस्लिम पक्ष के पास ना तो पानी का बिल है, ना बिजली का बिल है, ना ही कागजों में नाम है, इसलिए ऐसे अवैध कब्जे न्यायालय के द्वारा जल्दी हटाए जाएंगे क्योंकि न्यायालय तो सबूत के आधार पर फैसला देती है।

नीरज दुबे (वरिष्ठ पत्रकार)

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