सत्यम् लाइव, 28 जुलाई 2020, दिल्ली।। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे जिसमें 22.6 किलो चांदी की नींव की पहली ईंट रखेंगे। यह पल ऐतिहासिक पल होगा जिसके लिए अयोध्या में इन दिनों जोर-शोर से तैयारियां जारी हैं। राम मंदिर के निर्माण के लिए देश के अलग-अलग मंदिरों और पवित्र नदियों का जल अयोध्या भेजा जा रहा है।
राम मंदिर के भूमिपूजन की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, हलचल बढ़ती जा रही है। देशभर मे मंदिर निर्माण में सहयोग देने की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। भूमि पूजन के लिए पवित्र नदियों का जल और तीर्थ स्थलों की पवित्र मिट्टी लाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास करेंगे।अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण सिर्फ पत्थरों से किया जाएगा। राम मंदिर निर्माण के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं।
मंदिर की वर्कशॉप के सुपरवाइजर अनुभाई सोमपुरा का कहना है कि मंदिर के निर्माण में अनोखी तकनीक और मशीनों का प्रयोग होगा। तो वही मंदिर की नीव रखने में देश भर से सभी राम भक्त अपना योगदान देने के लिए वहा के मंदिरो से मिटटी भेज रहे हैै, बिहार से 500 पैकेट आए हैं। नेपाल के लोग प्रभु राम को अपना जमाई मानते हैं इसलिए वे मंदिर निर्माण के लिए विशेष तौर पर उत्साहित हैं। छत्तीसगढ़ के वनवासी समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में अपने मंदिरों की मिट्टी और नदियों का जल अयोध्या पहुंचा रहे हैं। श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास के डॉ0 राम अवतार शर्मा जी नेे जो भारत भूमि पर श्रीराम के वन गमन मार्ग पर खोज की है, उसमें श्रीराम के वन गमन में, माता सती द्वारा ली गयी परीक्षा के स्थल आज भी महाराष्ट्र्र में मन्दिर हैं।
सुनील शुक्ल
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