एमएसएमई उद्योग की परिभाषा बदली गयी है जिससे इनका आकार बढाया जा सके। लघुउद्योग वे होगें जिनमें1 करोड़का निवेशऔर 5 करोड़ का टर्न ओवरहो।लघुउद्योग वे होगें जिसमें10 करोड़ का निवेश है और 50 करोड़ का टर्न ओवर है। मध्यमउद्योग वे हाेेगें जिसमें20 करोड़ का निवेश और 100 करोड़ का टर्न ओवर होगा।
सत्यम् लाइव, 14 मई 2020 दिल्ली।।आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जो घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी उसकी योजना को आगे क्रियान्वित कराने की प्रक्रिया, में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी ने तृृतीय किश्त की घोषणा की। इसमें कुल 11 घोषणाऐं की गयी, जिसमें से 8 घोषणाऐं किसानों के लिये की गयी है। 7 घोषणाओं के बारे में ये नहीं साफ है कि ये कब से लागू होगीं। साथ में खेती केे लिये 1 लाख करोड का निवेश किया जायेगा। पिछले तीन दिनों के अन्दर, कुल 18 लाख करोड रूपये की घोषणा की जा चुकी है अब मात्र 2 लाख करोड रूपये की घोषण की जाना शेष है। तीसरी पेशकश में, वित्त मंत्री ने जो किसानों के लिये कहा वो विचारणीय है। 11 घोषाणाऐं इस प्रकार हैं –
- उन्होंने कहा कि किसान को पहले से येे नहीं पता होता कि फसल उत्पादन होने केे बाद उसे कितनी लागत मिलेगी? सरकार चाहती है कि किसान को गारंटी देने के लिये सरकार कानून में बदलाव की व्यवस्था करने जा रही है इसके तहत फूड प्रोसेसर, एग्रीगेटर्स, रिटेलर्स और एक्सपोर्टर्स के साथ किसान अपनी उपज का दाम पहले ही तय कर सकेगा। मकसद यह है कि मेहनती किसानों का उत्पीड़न न हो और वे जोखिम रहित खेती कर सकें। अर्थात् फूड प्रोसेसर का अर्थ है फूड प्रोसेसर के सभी मेटल ब्लेड और डिस्क बहुत तेज़ धार के होते हैं ताकि वे सख्त से सख्त खाद्द-पदार्थ पर काम कर सकें। भुगतान एग्रीगेटर्स उन कंपनियों को कहते हैं, जो विभिन्न ई-कॉमर्स वेबसाइट्स या कंपनियों को ग्राहकों की तरफ से भुगतान स्वीकार करने के अलग-अलग प्लेटफॉर्म मुहैया कराते हैं। रिटेलर्स के लिये सोशल मीडिया या अन्य ऑनलाइन बिक्री के तैयार हैंं। एक्सपोर्टर्स का अर्थ निर्यात होता है और ये तो आसानी से समझ आ जाता है।
- औषिधिय पौधेे के लिये 4 हजार करोड रूपये का प्रावधान दिया गया है। ये दवाई बनाने वाले के लिये खेती करने वाले किसानों को दिया जायेगा। गंगा के किनारे ऐसे खेती के लिये 800 हेक्टेयर का कॉरिडोर बनाया जायेगा। ये सब कार्य के लिये अगले दो वर्ष तय किये गये हैंं। इससे 5 हजार करोड किसान को लाभ मिलेगा।
- पशुपालन के लिये बुनियादी ढांचा 15 हजार करोड का बनेगा। ये रूपया डेयरी चलाने वालो को, दूध की इंडस्ट्री लगाने वालो को पर लगाया जायेगा। यह पैसा लोकल मार्केट और एक्सपोर्ट के लिये भी इनका उपयोग किया जायेगा। यहॉ पर एक्सपोर्ट पर इंसेंटिव का प्रावधान है। समय अभी स्पष्ट नहीं है।
- 53 करोड पालतु जानवर जैसे गाय, भेड, बकरी, भैंस, सूअरों को टीका लगाने के लिये 13 हजार 343 करोड रूपये खर्च होगा। अब तक 1.5 करोड गाय-भैंस को यह टीका लगाया जा चुका है जिससे जानवरों को मुॅह और खुर की बीमारियॉ न हों। समय अभी स्पष्ट नहीं है।
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 11 हजार करोड रूपये मछली पालन के लिये 9 हजार करोड रूपये बुनियादी सुविधाऐंं मजबूत करने के लिये दिये जायेगें। अगले 5 साल में, 55 लाख लोगों को जो रोजगार मिलेगा और 1 लाख करोड रूपये का एक्सपोर्ट हो सकेगा।
- माइक्रो फूड इन्टरप्राइजेज के लिये 10 हजार करोड रूपये का पैकेज दिया गया है ताकि किसी भी भोज्य पदार्थ की क्वालिटी का ध्यान और ब्रांडिग और मार्केटिंग की जा सके। माइक्रो का अर्थ ग्लोबल से है। यह कार्य कृषि उपज संस्थाओं, सेल्फ हेल्प ग्रुप और सहकारी संस्थाओं के जरिए यह मदद दी जाएगी। इससे 2 लाख यूूनिट्स को लाभ मिलेगा। कश्मीर का केसर हो, उत्तर प्रदेश का आम हो, पूर्वोत्तर का बांस हो, आंध्र प्रदेश की मिर्ची हो या बिहार का मखाना हो, इस तरह के उद्यमों को इसमें मदद मिलेगी।
- फसल कटाई, कोल्ड चैन और स्टोरेज सेन्टर के लिये 1 लाख करोड रूपये की व्यवस्था की गयी है।इस शार्ट टर्म लोन एग्रीकल्चरल इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्राइमरी एग्रीकल्चर, को-ऑपरेटिव सोसायटी और खेती से जुड़े लोगों को फायदा मिलेगा, तुरन्त ही यह फण्ड बनेगा।
- शहद सप्लाई के लिये, मधुमक्खी पालन में 500 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है। 2 लाख लोगों को फायदा मिलेगा। इसमें महिलाओं को भी मौका मिलेगा। इससे शहद के रखरखाव के साथ बाजार में बिक्री से लाभ मिलेगा। समय अभी स्पष्ट नहीं है।
- टमाटर, आलू और प्याज सहित अन्य सब्जियों और फल मेें 500 करोड रूपये का प्रावधान है। 50 प्रतिशत छूट ट्रांसपोर्टेशन और 50 प्रतिशत सब्सिडी स्टोरेज और कोल्ड स्टोरेज पर दी जायेगी। यह छह माह का पायलट प्रोजेक्ट है।
- आवश्यक वस्तु अधितनयम में बदलाव करके तिलहन, दलहन, आलू, प्याज, तेल पर किसानो और विक्रता को अब सीधा लाभ मिलेगा। इस पर अब किसान की कोई स्टॉक लिमिट नहीं होगी। प्रोसेसर और वैल्यू चैन में भी शमिल लोगों के लिये स्टॉक लिमिट नहीं होगी। स्टॉक लिमिट सिर्फ राष्ट्रीय आपदा पर ही लागू मानी जायेगी। कानून संशोधन पर समय निर्धािरित नहीं है।
- एक केन्द्रिय कानून बनेगा ताकि किसानों को अपनी फसल की अच्छी कीमत मिल सके। लाइसेन्स रखने वाले एग्रीकल्चर मार्केट कमेटी में ही अपनी उपज बेचने वाले, किसान दूसरे राज्य में जाकर कृषि की उपज कर सकेगें। वे ई-ट्रेडिंग भी कर सकते हैंं। समय निर्धािरित नहीं है।
शेष है अब 2 लाख करोड की रकम की घोषणा अब शेष बच रही है ऐसा सम्भव है कि ये घोषणा शनिवार को हो अभी तक इसके बारे में कोई अग्रिम सूचना नहीं प्रदान की गयी है।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
Leave a Reply