सत्यम् लाइव, 23 अगस्त 2023, दिल्ली।। इसरो के बढ़ता हुये सम्मान की बात कही जाये तो अतिशोक्ति नहीं होगी क्योंकि इसरो ने ही 14 जुलाई 2023 को देश के सबसे भारी रॉकेट से चन्द्रयान-3 को लॉन्च किया गया था जो 42 दिनों की यात्रा के पश्चात् आज बुधवार, दिनांक 23 अगस्त 2023 सायं 5 बजाकर 44 मिनट पर लैडिंग प्रोसेस प्रारम्भ होकर 6 बजकर 4 मिनट पर सफल हुआ।
चन्द्रयान-3 के चांद के दक्षिणी क्षेत्र पर उतरने में आये 615 करोड़ रूपये वाले इस मिशन से आम इन्सान को क्या फायदा होगा। इस विषय पर गम्भीरता पूर्वक विचार करना आज आवश्यक है क्योंकि दो वक्त की रोटी के पसीना बहाता हुआ व्यक्ति भारत के गॉव और शहर की बीच में खड़ा है। कृषि प्रधान देश में खेती-बाड़ी से अलग आज का इन्सान चन्द्रमा पर चन्द्रयान-3 से कितना लाभ पायेगा जरा इन चार बातों पर विचार करते हैं।
- रंभाः चन्द्रमा की सतह पर सूर्य से प्राप्त होने वाली प्लाज्मा कणों के घनत्व की मात्रा एवं उसके बदलाव का विश्लेषण किया जा सकेगा।
- चास्टेः चन्द्रमा के सतह पर तापमान की जॉच की जा सकेगी।
- इल्साः लैडिंग साइड के अगल-बगल पर भूकम्पीय गतिविधियों की जॉच आसानी से की जा सकेगी।
- लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरेः डायनामिक्स को समझने का प्रयास में सफलता मिलेगी।
डायनामिक्स को यदि भारतीय गणितज्ञ की भाषा में समझें तो ग्लोबल की वायु बिजली से उत्पन्न होने वाली गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल लेने की शक्ति का ज्ञान मिलेगा। अपनी इसी गुणवत्ता के साथ चन््रदमा की सतह पर उपस्थिति केमिकल्स की गुणवत्ता का भी विश्लेषण करने में आसानी होगी साथ ही एलिमेन्ट कम्पोनिशन को आसानी से परखा जा सकेगा जैसे मैग्नीशियम, एल्युमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्शियम, टिन एवं लौह।
चन्द्रयान-1 से चन्द्रमा पर जल की खोज हुई तथा चन्द्रयान-2 से ऑर्बिटर पर कार्य हुआ। चन्द्रयान-3 की लैडिंग तथा मंगलयान की मदद से दुनिया भर में मौसम एवं संचार की दुनिया में (आवागमन् में नक्शा) क्रान्ति लाने में मददगार साबित होगा। सीमा रक्षा सम्बन्धी पर भी सुविधाऐं उपलब्ध होगी।
…………….. सुनील शुक्ल
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