सत्यम् लाइव, 31 जुलाई 2023, दिल्ली।। नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रो. अश्वनी पारिक देश में हर रोज 4 हजार से ज्यादा किसान खेती छोड़ रहे हैं जो गंभीर चिंता का विषय है। प्रो. पारिक ने ‘विजिन्स ऑफ इंस्टीट्यूशंस इन रन अप टू इंडिया‘ में संबोधित करते हुए कहा कि ये बहुत ही चिन्ताजनक है कि भारत में प्रतिदिन 4 हजार किसान खेती छोड़ रहा है।
विश्व का अर्थशास्त्री भले ही माने कि खेती करने के लिये किसानों की संख्या कम होनी चाहिए परन्तु ये भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिये बिल्कुल ठीक नहीं है और ये सत्य भी है क्योंकि पश्चिमी देशों पश्चिमी देशों में खेती कम होने के कारण ही ज्यादातर व्यक्तियों को खेती से उनकी सरकार दूर रखती है और मशीनों पर कार्य कराती है परन्तु ये सत्य है कि भारत में किसानों की कम इन्कम होने के कारण कोई भी माता-पिता अपने बेटा-बेटी को खेती का कार्य नहीं कराना चाहता है।
भारत की खेती पर बढ़ते हुए पश्चिमी विकास के कदम से जो नुकसान भारत की कृषि को होगा उसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है परन्तु ये सत्य है प्रकृति और पर्यावरण का जो बदलाव के नाम पर आज का विज्ञान खेल खेल रहा है उसका परिणाम सभी को भुगतना पड़ेगा। प्रो. पारिक के अनुसार जो पर्यावरण बदलाव को लेकर सुझाव दिया गया है उस पर पुनः भारत के किसान को सोचना होगा क्योंकि पर्यावरण स्वयं को स्वस्थ करने के सारे तरीके जानता है ये तो आज के वैज्ञानिक का भ्रम है कि आज के विज्ञान ने बहुत उन्नति की है।
सौरमडल को ऊर्जा देने वाला सूर्य के तेज पर जो आज तक शोध नहीं कर पा रहा है उसका तेज को कम करने का सपना देखता हुआ आज के विज्ञान से ये उम्मीद बेईमानी होगी कि आप प्रकृति और पर्यावरण को अपने अनुसार बनाकर फिर उसके साथ रहो। इतिहास गवां है कि आज तक ऐसा हुआ नहीं है और न कभी सम्भव है।
सुनील शुक्ल
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