छठ रस एवं सप्‍त धातुओं की निर्माता रसोई

स्‍त्री पुरूष की शक्ति है अपनी रसोई के ताकत पर अपने पूरे परिवार को निरोगी काया दे सकती है।

अपने घर पर ही भोज्य पदार्थों का स्वयं तैयार करने की परम्परा समाप्ति की ओर है जब भी मेहमान आता है तो अब बाहर से ही मँगवाने का प्रचलन बढ़ चला है परन्तु किन अवयव से तैयार किया जा रहा है ये हम पता नहीं करते है न ही करना चाहते हैं। इस भ्रम में कहीं हम सब नयी बिमारी को निमंत्रण तो नहीं दे रहे हैं। इस सावधानी को ध्यान रखना आवश्यक है क्योंकि भारतीय संस्कृति में ‘‘अतिथि देवोभव’’ की परम्परा है अतः वो नाश्ता तैयार करें जो जल्दी तैयार हो जाता है। उसकी कुछ सूची नीचे दी जा रही है।

Ads Middle of Post
Advertisements

आप स्‍वयं अपनी रसोई से भोज्‍य पदार्थ का निर्माण करके, भारत भूमि की पवित्रता को साबित कर देती हैंं इसी की शुद्धता से आपके परिवार मेंं छठ रस और सप्‍त धातुओं का निर्माण होता है।
भोजन तीन प्रकार का होता है

  1. उचित भोजनः- उचित भोजन सदैव क्षारिय होता है।
  2. अनुचित भोजनः- अनुचित भोजन सदैव अम्लीय और पाचन क्रिया को खराब करता है।
  3. पौष्टिक भोजनः- पौष्टिक भोजन सन्तुलित भोजन कहलाता है। यह भोजन सदैव शरीर की सारी बिमारियों को समाप्त कर आपको तथा आपके परिवार को निरोगी बनाता है।
    चोकर का हलवाः- चोकर को लोहे की कढ़ाई में सेंक लें। गर्म पानी में गुड़ का घोल बना लें। अच्छी तरह पक जाने पर उतारकर 2 चम्मच देशी घी, दो-चार काजू, दो-तीन बादाम के टुकड़े, दस-पन्द्रह दाने किशमिश डालकर खायें।
    मीठा दलियाः- 50 ग्राम गेहूँ के दलिये को धोकर पतीले में एक चम्मच देशी गाय का घी डालकर धीमी आँच पर सेकें, फिर 250 मिली. गाय के दूध में आधा लीटर उबलता हुया पानी में डालकर लगातार चलाते रहें जब दलिया अच्छी तरह पक जाये तब उतारकर आवश्यकतानुसार मिश्री मिलाकर, 20 ग्राम गाय का देशी घी डालकर खायें।
    नमकीन दलियाः- 50 ग्राम गेहूँ के दलिये को धोकर पतीले में एक चम्मच देशी गाय का घी डालकर धीमी आँच पर सेकें, पक जाने पर सरसों के तेल में जीरा, कालीमिर्च का चूर्ण, हींग, हल्दी तथा सेंधा नमक डालकर पक जाने पर, 20 ग्राम देशी गाय का घी डालकर सेवन करें।
    गेहूँ के आटे का हलुवाः- 50 ग्राम पिसे हुये गेंहू के आटे को कढ़ाई में डालकर एक चम्मच देशी गाय के घी डालकर उसको गुलाबी रंग के हो जाने पर सकें। ऊपर से 200 मिली. पानी डालकर, धागे वाली मिश्री डालकर खूब चलायें तथा ऊपर से देशी गाय का घी एक चम्मच डालकर स्वादिष्ट हलुवा तैयार होता है। ऊपर से दो-तीन बादाम तथा दस-पन्द्रह किशमिश डाल सकते हैं।
    हरे धनिये की चटनीः- हरा धनिया, पुदीना, अदरक, पीली हल्दी, काली मिर्च, काला नमक मिलाकर पीस लें, बस तैयार है, आलू-चाट, आलू के पराठे या गोभी के पराठे के साथ स्वादिष्ट हरे धनिया की चटनी।
    लहसुन की चटनीः- हृदय रोगी या सर्दी में खाये जाने वाली, लहसुन की आठ-दस कलिया छीलकर उसको अच्छी तरह से पीस लें उसमें काली मिर्च, काला नमक, सूखा धनिया मिलाकर तैयार हुयी यह स्वादिष्ट लहसुन की चटनी अतिशीघ्र तैयार हो जाती है।
    मासिक धर्म काढ़ाः- वैसे मासिक पारी के दिनों में एक गिलास देशी गाय के दूध में, एक चम्मच देशी गाय का घी डालकर सायं के समय पियें, तो मासिक धर्म के सारी बिमारियाँ समाप्त हो जाती है अथवा 200 मि.ली. पानी में 2 से 5 ग्राम सौंठ का चूर्ण, 10 ग्राम गुड़, 5 ग्राम काले तिल डालकर उबालें। जब पानी एक कप जितना बचे तब उसमें दो चम्मच एरंडी का तेल डालकर माहवारी आने के 7 दिन पहले सुबह-शाम खाली पेट पियें।
    मूँग की दाल का हलवाः- मूँग की दाल को पीसकर मूँग की दाल का हलवा जो किसी भी ऋतु में खाया जा सकता है। अतिशुद्ध तथा पौष्टिक भोजन कहलाता है। धागे वाली मिश्री के साथ 2 चम्मच देशी घी, दो-चार काजू, दो-तीन बादाम के टुकड़े, आठ-दस दाने किसमिस डालकर खायें।
    वर्जित आहारः- बर्गर, पिज्जा, नूडल्स, चाउमिन, पेटीज, सेन्डविच, होट-डोग, पेस्ट्री आदि जैसे फास्ट फूड, चीनी से बनी मिठाईयाँ, आईस्क्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स, बे्रड, सोयाबीन, मा­­ँसाहार तथा मादक दव्य पदार्थ कभी न खायें, न ही अपने फ्रिज में रखा भोजन तथा ठंडा पानी पियें, चावल भी कफ को बढ़ाता है।

उपसम्‍पादक सुनील शुक्‍ल

अन्य ख़बरे

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*


This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.