मानसून केे पूर्व आगमन की भी सूचना प्रदान की गयी है केरल 5 जून तक पहुॅच जायेगा। केरल में मानसून की छूटपूट बारिश और दूसरी तरफ महाराष्ट सहित उत्तर भारत में, चक्रवात की छूटपूट बारिश के आसार बातये जा रहे है।
सत्यम् लाइव, 2 जून 2020, दिल्ली।। अभी कुछ ही दिन बीते हैं कि जब पश्चिमी बंगाल, आोडिश और बांंगलादेश के तटीय क्षेत्रों पर अम्फान तूफान ने तबाही मचाई थी वो प्रलंयकारी दृश्य अभी ऑखों से विस्मृत नहीं हुआ था कि अब मौसम विभाग ने सोमवार को ये नये तूफान की चेतावनी 3 और 4 जून तक की दे डाली है। इस तूफान को निसर्ग चक्रवात का नाम दिया गया है। ये िनिसर्ग चक्रवात 3 और 4 जून तक उत्तरी महाराष्ट्र और गुजरात को पार करने की आशा है। आई.एमडी ने ट्वीट करके बताया कि दक्षिण पूूूूूर्वी और आसपास के पूर्वी मध्य अरब सागर और लक्षद्वीप के क्षेत्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जिसके कारण अगले दो-तीन दिनों तक मछुवारे तट पर न जायें। ये चक्रवात अभी ताेे 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चला आ रहा है परन्तु इसकी गति 110 किलोमीटर तक जा सकती है। मुम्बई महानगर पालिका के अन्तर्गत आने वाले सभी 24 विभागों के वार्ड अधिकारियों को चौकन्ना कर दिया है साथ ही सम्भावित खतरे को देखते हुए अपनी योजना को तैयार करना प्रारम्भ कर दिया है। मुम्बई में निचलेे क्षेत्रों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुॅचाना प्रारम्भ कर दिया है। आम नागरिकों को भी समुद्र किनारों से दूर रहने, पेड़ और खंभे के नीचे खड़े होने से मना किया गया है। चक्रवाती तूफान के दौरान घरों से बाहर ना निकलने की अपील भी लोगों से की गई है। मुंबई में बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों और कंपनियों को सतर्क रहने को कहा गया है। मुम्बई के सभी अस्पतालों में बिजली चले जाने की समस्या को लेकर जनरेटर की सुविधा केे निर्देश कर दिये गये हैं तथा अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। मुंबई के सभी अस्पतालों में बिजली चले जाने की स्थिति में जनरेटर की सुविधा बहाल रखने का निर्देश दिया गया है। मुंबई महानगर पालिका ने नागरिकों से किसी भी अफवाह पर भरोसा ना करने को कहा है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि अपने स्तर पर भी विशेष सावधानी बरतें।

दूसरी तरफ केरल तक इस बार मानसून आ पहुॅचा है और छूटपूट बारिश भी प्रारम्भ हो गयी है। मौसम विभाग के अनुसार जून से सितंबर तक बारिश 102 फीसदी होने की उम्मीद है। उत्तरी भारत में 96 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। इसमें चार फीसदी कमी, या ज्यादा हो सकती है। क्षेत्रवार, दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश उत्तर पश्चिम भारत में दीर्घावधि औसत के 107 फीसदी, मध्य भारत में 103 फीसदी, दक्षिणी प्रायद्वीप में 102 फीसदी तथा पूर्वोत्तर भारत में 96 फीसदी बारिश होने की संभावना है। इसमें आठ फीसदी कम या ज्यादा हो सकती है। ये मानसून 5 जून से 10 जून के बीच मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल पहुंच होते हुए, 10 से 15 जून तक पूरे महाराष्ट्र के साथ ही ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड तथा कुछ क्षेत्र बिहार होते हुए, 15 से 20 जून तक गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक पहुंच जायेगा जबकि 20 से 25 जून तक पूरे गुजरात में पॉव पसारता हुआ, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू -कश्मीर और आगे 25 से 30 जून के बीच राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब के साथ ही 5 जुलाई तक पूरे देश में अपने पॉव पसार चुका होगा। अपने समय से पूर्व मानसून आने का कारण ये चक्रवात ही है। क्योंकि ये चक्रवात अब 8 तारीख तक उत्तर भारत पर भी अपना असर दिखा सकता है। उत्तर भारत में बारिश का कारण कौन सा चक्रवात है? अभी ज्ञात नहीं हो सका है। परन्तु उत्तर भारत में भी मौसम की भारी मार जारी है।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
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