सत्यम् लाइव, 19 मार्च 2020, दिल्ली। पुरी दुनिया में जहॉ कोरोना के नाम से दहशत फैली हुुई है वहीं कल सत्यम् लाइव ने दिल्ली के सामान्य नागरिक के बीच जाकर कोरोना वायरस के बारे मेें जानना चाहा तो उन सबका एक ही उत्तर था कि कोई भी वायरस उसी को पकडता है जो लगातार आराम का जीवन बीताता है मैं सब तो सुबह से शाम तक अपने शरीर का इतना पसीना बहा देते है कि शाम को अपने को ही जीवत रख पाना मुश्किल हो जाता है ऐसे में काेेेई वायरस मेरे पास आने से पहलेे ही घबरा जाता है हम सब सुबह से शाम तक खूब रोटी-दाल के साथ सालाद खाकर सारा खाना पचाते हैं और प्राणायाम करने का भी समय नहीं मिलता है बहुत जोर देकर जब एक मजदूर से पूछा कि अगर कोई वायरस पकड ही लिया तो तो उसने कहा कि आज तक किसी वायरस ने पकडा नहीं और जिस दिन भगवान का बुलावा आ गया उस दिन कोई बचा नहीं सकता जब तक वो नहीं बुलायेगा तब तक कोई भेज भी नहीं सकता़। श्री राघव ठाकुर नाम के एक व्यक्ति से जब मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि मुझे तो जी.टी. अस्पताल में जब डेगूं फैला था तब कह रहे थे कि तुम्हें डेगू हो रहा है मैं बिना इलाज कराये भाग आया और घर पहुॅचकर बगल की दुकान से लगातार कई दिनों तक जूस पिया और गाय का घी खाया कहीं कुछ नहीं हुआ। ऐसे ही नागपुुर से भी खबर आयी है कि संदिग्ध अवस्था बताये जाने पर चार लोग अस्पताल से भाग गये हैं इसी खबर को लेकर जब दिल्ली इस्ट में सर्वे किया तो यहॉ भी ऐसी ही स्थिति है इसको अनपढ होने से जोडना कहा तक उचित होगा ये कहा नहीं जा सकता परन्तु ये अवश्य कहा जा सकता है कि सूर्य की गति का सूक्ष्म रूप से भी जो परिचित है वो स्वयं को जुकाम से भी बचाने का प्रयास कर रहा है वो भी भारतीय ऋतु को जाकनकर।

इसको आस्था कहों या अन्धविश्वास या फिर अपनी वेदों (आयुर्वेद) पर इन गरीबों का विश्वास जो सामान्यता आज का पढा लिखा युवक नहीं जगा पा रहा है। इन सभी का एक ही बात कहना था कि इस प्रकृति की मार इससे भी ज्यादा भयावह है। दो दिन पहले के पडे ओले ने जो फसल चौपट की है वो हम सबके लिये बहुत चिन्ताजनक है कोरोना से मरे न मरें अगर इसी तरह से भारत में भारतीय पद्वति से खेती नहीं हुई और हमारी प्रकृति की तुलना पश्चिमी देशों से की गयी तो भविष्य में क्या होगा। कोरोना से व्यापक है उसके नाम का डर मैनें अपने पुराने लेखों के माध्यम से आयुर्वेद के सारे नुस्खे बताते हुए किसी भी वायरस से निपटने का तरीका बताया था उसके डर को हटाकर अपने आप को सौर कोरोना की पूजा करने की आवश्कता है पहली किरण अर्थात् सौर कोरोना पर जल अर्पण करने से शरीर में जन्मे हुए सारे वायरस अर्थात् कीटाणु समाप्त हो जाते हैं।
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