सत्यम् लाइव, 1 जुलाई 2020, दिल्ली।। डिजिटल एजुकेशन की लगातार चली आ रही बात को अब पूरा कोरोना वायरस ने करा ही दिया है इस महामारी केे दौरान पहली बार छोटे से लेकर बडे विद्यार्थी को ऑनलाइन पढाने या खेल खिलाने प्रारम्भ कर दिया गया है। एक तरफ बढतेे विकास के कारण शिक्षा को उद्योगिकीकरण किया जा चुका है तो दूसरी तरफ रमी जैसे खेल केे खुले ऑफर ऑनलाइन शिक्षा केे साथ नेट पर चलते ही रहते हैं। इस दिशा में कदम उठाते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्र सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव रखा है कि देश के विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप, टैबलेट, टीवी, मोबाइल फोन जैसे डिजिटल डिवाइसेस उपलब्ध करायें जायें। इसके लिए अगले पांच साल में 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को 15वें वित्त आयोग के समक्ष अपने प्रजेंटेशन में ये प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव मेें मंत्रालय के द्वारा 2025-26 तक उच्च शिक्षा के लिये 40 प्रतिशत नये डिजिटल डिवाइसेस देने का प्रस्ताव रखा गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि पहले साल यानी 2021-22 में 1.5 करोड़, 2022-23 में 55 लाख, 2023-24 में 61 लाख, 2024-25 में 67 लाख और 2025-26 में 73 लाख स्टूडेंट्स को डिजिटल डिवाइस दिए जाएंगे। जबकि अभी तक मात्र 24 प्रतिशत लोगों केे पास नेट का कनेक्शन है ये बात भी याद रखने योग्य है।
सुनील शुक्ल
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