ऑनलाइन शिक्षा की तैयारी, परिवेश का ज्ञान आवश्यक है] घर से सभ्यता अंकुरित होती है बच्चे में
सत्यम् लाइव, 5 अप्रैल 2020 दिल्ली ।। दिल्ली शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली स्कूल के अभिभावकों को एक संदेश हिन्दी में भेजा है जिसमें लिखा गया है कि नमस्कार ये बेहद जरूरी है कि स्कूल बन्द होने की वजह से बच्चों की शिक्षा पर कोई फर्क न आने पाये इसी कारण से बच्चों को ऑन लाइन कुछ गतिविधि भेजगे। बच्चों को घर के घरेलूू वस्तुुुुओं जैसे सब्जी सहित चित्रण का अभ्यास कराते रहें। यह मेरा अनुमान नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि चित्र में रंग भरने की व्यवस्था ही कही जायेगी जो भूतपूूर्व राष्ट्र्र्र्र्रपति अब्दुल कलाम जी ने बच्चों के लिये कम्प्युुुुटर शिक्षा व्यवस्था में कही गयी थी। ये कार्य कक्षा 2 तक के लिये कहा गया है। भूतपूूर्व राष्ट्र्र्र्र्रपति अब्दुल कलाम जी कथन था कि उससे बच्चों की याद और पहचाने के साथ लेखन भी सुन्दर होता है।
कक्षा 3 से 5 तक बालकों को दादा-दादी या नाना-नानी या माता-पिता अपने चित्रकला सीखने के साथ कहानी सुनाये जिससे वो अपने समाज की समझ बने, इससे साथ ही शब्दों का ज्ञान भी बढेगा और हिन्दी से परिचय बनाने में मदद आयेगी। ये बात सत्य है कि इससे बच्चे के अन्दर अपने से बडों के प्रति आदर तथा उनके जीवन के अनुभाव प्राप्त होते हैं पर यहॉ पर ये अवश्य होता है कि माता-पिता की पकड भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ हो तथा वो अपनी भारत की भूमि को बच्चें को पूर्ण रूप से समझाने का प्रयास करें तो अवश्य ही वो बच्चा अपने परिवार के बारे में सोचने लगता है। कक्षा 6 से 8 तक बच्चों को घर का बजट की तरफ ध्यान कराना चाहिए क्योंकि अब बच्चा इतना तो समझ चुका होता है कि कुछ अपने तथा अपने परिवार के लिये भला बुरा समझने लगता है। दिल्ली सरकार का ये प्रयास है कि बच्चों का कीमती समय छुट्रटी के कारण बेकार न चला जाये तब तक बच्चेें अपने जीवन को समझने के लिये अपना प्रयास माता पिता के साथ चालू रखें। जहाॅॅ तक मेरा अनुभव कहता है कि ये राय उचित ही है कारण ये है कि भूतपूूर्व राष्ट्र्र्र्र्रपति अब्दुल कलाम के कथन पर ये अवसर मुझे प्राप्त हुुआ और कला से लेकर गणित के ग्राफ के दम पर बच्चों की शिक्षा पर कार्य करने का शुभ अवसर मुझे मिला है। ये राह उचित है इससे बहुत बडा परिवर्तन आप अपने बच्चे में कर सकते हैं।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
Leave a Reply