उप्र शिक्षा पर ऑनलाइन ढाचा .. डॉ. दिनेश शर्मा

सत्‍यम् लाइव, 24 जून 2020, लखनऊ।। उत्‍तर प्रदेश के उपमुख्‍यमंत्री डा. दिनेश शर्मा जी ने कहा है कि एनआईआरएफ रैंकिंग में, सभी विश्‍वि‍विद्यालय एवं महाविद्यालय जल्‍द से जल्‍द अपने शिक्षण संस्‍थानों का नैक मूल्‍यांकन करा लें। सरकार बेसिक, माध्यमिक, उच्च तथा प्राविधिक शिक्षा विभाग के लिए अलग से दो शैक्षिक चैनल बनाए जाने पर विचार कर रही है। उत्‍तर प्रदेश में ऑनलाइन शिक्षा को बढावा देने के लिये, प्रदेश में डिजिटल सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिये जो सुविधाओं के सम्‍बन्‍ध में डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति विनय कुमार पाठक की अध्‍यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट पर सहमति जताते हुए, मुख्‍यमंत्री को अनुमोदन भेजने का फैसला लिया है। बैठक में प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्रीमती कमल रानी वरुण, बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी, वाइस चांसलर डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ विनय कुमार पाठक, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका यश गर्ग, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा उदयभान त्रिपाठी, विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोज कुमार तथा अपर सचिव उच्च शिक्षा परिषद आरके चतुर्वेदी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

अगली मीटिंग में उपमुख्‍यमंत्री श्री दिनेश शर्मा जी ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक चलाई जाएंगी तथा साथ ही गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की जिसके बाद उच्च शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा और प्राविधिक शिक्षा की परीक्षाओं को लेकर निर्देश दिए। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इस बैठक में अधिकारियों के साथ जून के अन्‍त में या जुलाई के प्रथम सप्ताह में रिजल्ट जारी करने पर भी विचार विमर्श किया। आपको याद होगा कि अप्रैल मेें प्राइवेट स्‍कूल को मना किया था एक महीन से ज्यादा की फीस ना ली जाए। डिप्टी सीएम ने कहा था कि इस बाबत कुछ शिकायतें मिली हैं कि कई प्राइवेट स्कूल-कॉलेज तीन महीने की फीस एक साथ जमा करवा रहे हैं। अगर ऐसा करता कोई पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने आदेश जारी कर दिया है उन्होंने कहा कि फीस ना जमा कर पाने वाले छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए भी स्कूल मना नहीं कर सकता है। इसी बैठक में उच्च शिक्षा, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा के अपने निजी चैनल भी बनाए जाने पर विचार किया गया। ऑनलाइन शिक्षा की तैयारी करने में लगे हुए सभी सहमति जता रहे हैं साथ ही अतिशीघ्र ये मान रहे हैं कि अभिभावक भी तैयार है जबकि मेरठ से खबर है कि अभिभावक मजबूरी बता रहे हैं और अधिकांश मनोचिकित्‍सक भी इस पर अपत्ति जता रहे हैं।

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सुनील शुक्‍ल

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