भारतीय समाज नोवेल कोरोना केे साथ चलने को तैयार हाेे रहा है। साथ ही समाप्त होती वासुदेव कुटुम्बकम् की भावना से अब चिन्तित हो रहा है समाज।
सत्यम् लाइव, 1 मई 2020, कानपुर।। वैसे ये विशेेष खबर पूरे उत्तर प्रदेश से प्राप्त हो रही है कि उत्तर प्रदेश में सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात् समाजिक दूरियॉ का पालन नहीं हा पा रहा है समाजिक दूरियॉ के पालन से नोवेल कोरोना समाप्त होगा या फिर सूर्य के ताप से। इस बात को ध्यान रखना होगा कि भारत हर युग से समाजिकता के लिये पूरे विश्व में अपनी छाप छोडता रहा है ऐसा डॉक्टर सहित समस्त समाज सेवी कहने लगे हैं ऐसे ही जब समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों से बात करो तो गहन चिन्ता का विषय बनकर सामने आने लगा है सभी समुदाय के लोग ये बात करते हुए नजर आ रहे हैं कि समाजिक बन्धनों में पहले ही हम सब परेशान हो रहे थे कि आज के बच्चे हमारी सुनते नहीं है अब तो सरकारी फरमान है कि ऑन लाइन होगा तो सब ऑन लाइन लगे रहेगें और हमारी तरफ ध्यान ही नहीं देगें ऐसे में समाज तो और ज्यादा टूटने वाला है। ये तब होने वाला है जब भारत ही है जो पूरे विश्व को एक अहिन्सा के माध्यम से एक करता रहा है। श्रीराम, श्री कृष्ण, गौतम बुद्ध, महावीर स्वामी ये तो बहुत बडे बडे नाम हैं कई ऐसे राजा भी हुए हैं जो विदेशों तक भारतीयता का सूत्र बताते रहे हैं। उसके बाद भारतीय क्रान्तिकारियों केे भी ऐसे ही नाम स्वामी दयानन्द सरस्वती, लाला लाजपत राय, महात्मा गॉधी, भगत सिंह, चन्द्रशोखर आजाद, आसफाक उल्ला खॉ, नाना साहब पेशवा, अजीमुल्ला खान, तात्या टोपे, मौलवी लियाकत अली, झॉसी की रानी लक्ष्मी बाई, बेगम हजरत महल इन सबके दिल में भी यही बात थी कि भारत भूमि पर सब ठीक हो जायेगा और सब मिल-जुलकर रहेगें। ये मिल-जुलकर रहनेे का अर्थ ही है कि वासुदेव कुटुम्बकम् की भावना को प्रबलता के साथ रहेगेें। इसके बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग केे नियम पर भारत काम कैसे हो पायेगा। इस नोवेल कोरोना का कुछ अवश्य करना पडेगा। कल उप्र केे औद्योगिक नगर में हुई बुजुर्ग के साथ बदसलूकी पर पनकी थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है। उनकी जगह पर सजेती से शैलेन्द्र कुमार को चार्ज दिया गया है।कोरोना महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस के कई रूप देखने को मिले। कहीं पुलिस गरीबों को खाना देती नजर आई तो कहीं लॉकडाउन तोड़ने वालों को अनोखी सजाएं देते हुए नजर आई।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
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