सत्यम् लाइव 12 जून 2020, दिल्ली।। कोरोना वायरस के लॉकडाउन के चलते हुए फिलहाल देश भर में स्कूल कॉलेज बन्द रहेगें और शिक्षा ही बच्चों के भविष्य का आधार मानी जाती है ऐसेे में पढाई के लिये के कुछ तो करना ही पडेगा, इसके लिये पहले ही चल रही ऑनलाइन व्यवस्था को स्वरूप दे दिया गया है और इस लॉकडाउन में हेडफोन और इयरफोन की सर्च 1.7 गुणा बढी, वहीं लैपटॉप और टैबलेट की सर्च में करीब 2 गुणा की बढ़ोतरी हुई मात्र एक गुणा स्टेशनरी के लिए, 2 गुणा माउस और कीबोर्ड की, 1.3 गुणा प्रिंटर की, 3 गुणा राउटर्स के लिए और 2.5 गुणा सर्च स्टडी टेबल का इजाफा देखा गया है। ऑनलाइन पढाई पर कुछ अभिभावक तैयार हैं परन्तु बहुत बडी संख्या में अभी तक अभिभावक ऐसे भी मिलें, जिन्होंने कहा कि इतना पैसा खर्च करके अंग्रेजी के माध्यम से पढाना मेरेे बस का नहीं है। ऐसी दशा में बहुत बडी संख्या में ऐसे भी बच्चे हैं जो इग्लिश मीडियम पढना ही नहीं चाहते हैं। ऑनलाइन शिक्षा में मोटर साईकिल के मिस्त्री जितेन्द्र सिंह का कथन है अगर दो बच्चे हैं तो दो मोबाईल एक साथ खरीद कर बच्चों को देने। एक माह की आधी कमाई तो अब मोबाईल के रिचार्ज में ही चली जायेगी। ऐसी स्थिति में पढाना अब समस्या से जुझना हो जायेगा। कोचिंग चलाने वाले तीन शिक्षक कृृृृृष्णा, प्रवीण, सुमीत का कहना है कि इस शिक्षा व्यवस्था में तो अंग्रेजी को और बढावा दिया जायेगा इसमें हिन्दी को पहले से ही अंग्रेजी में टाइप कराया जा रहा था वहीं हिन्दी अब पढाई जायेगी और दूसरी तरफ धीरे धीरे हिन्दी मीडियम कक्षा जो अभी तक चल रही थीं वो भी समाप्त हो जायेगीं। Amazon सारा सामान बेचेगी और ऑनलाइन में सामान हिन्दी में मॅगवायेगे जबकि किसी भी साइड पर जाकर तो मंगल फाण्ड का इस्तेमाल किया जा रहा हैै वो तो अंग्रेजी में लिखा जाता है वो स्वयं उसे हिन्दी बनाता है तो हिन्दी तो और ज्यादा समाप्त होगी।
सुनील शुक्ल
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