छत्तीसगढ स्कूलो के लिये दिये गये संकेत से लगता है कि इसी कारण से कहा जा रहा था कि हमें कोरोना के साथ रहने की आदत डाल लेनी चाहिए।
सत्यम् लाइव, 5 मई 2020 दिल्ली।। दिल्ली और हरियाणा से ज्यादा विस्तार से शिक्षा को व्यवस्थिति करने के संकेत छत्तीसगढ से मिलते हैं। छत्तीसगढ में 15 जुलाई से स्कूल प्रारम्भ किये जा सकते हैं नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिये शासकीय, सीबीएसई और प्राइवेट स्कूलों में कई बदलाव किये जा रहे हैं। 14 साल तक बच्चा कफ केे असर में रहता ही है और साथ में इसी कारण से चंचल होता है अत: स्कूल में भीड कम करने और शरीरिक दूरी बनाये रखने के लिये 50 प्रतिशत बच्चों को स्कूल में दो पाली में पढाया जायेगा जबकि 50 प्रतिशत बच्चों को ऑनलाइन पढाया जायेगा। तीन दिन कक्षा मेें और तीन दिन घर पर बैठकर ऑनलाइन पढाई करायी जायेगी। ये व्यवस्था रोल नम्बर के आधार पर ऑड ईवन पैटर्न पर लागू होगी। साथ ही शनिवार और रविवार को भी कक्षायें चलाई जायेंगी। कक्षा 1 से 12 तक का कोर्स भी 20 से 25 प्रतिशत कम कर दिया जायेगा। अब छात्रों के लिये और ज्यादा बंदिश रहेगीं। जैसे अपनी की कक्षा मेंं या सेक्शन में ही रहना होगा। स्कूलों में एक से ज्यादा प्रवेश और निकास के द्वार बनाये जायेगें ताकि सामाजिक दूरियॉ का ध्यान रखा जा सके। स्कूल में प्रवेश केे समय विद्यार्थियों का तापमान लिया जायेगा। सामाजिक दूरियॉ बनाये रखने केे लिये ध्यान देना होगा। स्कूल में प्रार्थना सभा नहीं होगी। स्कूलों की कैन्टीन बन्द कर दी जायेगी। हर कक्षा में पानी की व्यवस्था की जायेगी। स्कूल को हर दो घंटे में सैनिटाइज किया जायेगा। रोज बस को भी सैनिटाइज किया जायेगा। छात्रों को मास्क लगाकर आना अनिवार्य होगा। बिना मास्क के स्कूल में इंट्री नहीं दी जाएगी। सरकार के आदेशों के अनुसार काम होगा। पहले जैसा स्कूल में कुछ नहीं होगा। पिछले दिनों एक खबर आयी थी कि एक शिक्षक 18 कक्षाओं को सम्भाल रहा है। इस पर क्या ये नये नियम नौकरी शिक्षक की और कम होगी ये तो तय है और शिक्षा का स्तर बहुत ज्यादा गिरने पर सरकार को नहीं बल्कि कलयुग का प्रभाव मानकर दोषी मान लेना उचित नहींं है क्योंकि ये स्वभाव धर्म की नहीं बल्कि अधर्म की परिभाषा में शमिल है।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
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