महारष्ट्र्र के पालघर जिले में हुए इस वीभत्स घटना पर कासा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक आनंदराव काले ने कहा कि 16 अप्रैल 2020 दिन बृहस्पतिवार के रात को 9.30 बजे से 10 बजे के बीच की है।
सत्यम् लाइव, 20 अप्रैल 2020, दिल्ली।। महारष्ट्र्र के पलघर जिले मेें, गॉव में जूना अखाडे के दो साधुओं समेत तीन लोगों को निर्मम पीट-पीटकर मार डाला। इस मामले पर पुलिस ने 110 ग्रामीणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके 30 अप्रैल तक उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है, जिसमें से 9 नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृृह में भेज दिया गया है। साधुओं की निर्मम हत्या पर समस्त साधु संतों में रोष व्याप्त है जिसके कारण अब शासन और प्रशासन को जवाब देना भारी पड रहा है। पहले ही कोरोना महामारी के कारण लोगों में एक भय व्याप्त है अब उस पर भी साधु-सन्तों की हत्या जैसा जघन्य अपराध। अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि जी ने रविवार को इस घटना पर चेतावनी दी कि अगर हत्यारों को अतिशीघ्र पकडा न गया तो महाराष्ट्र सरकार के विरूद्ध आन्दोलन करेगें। इस चेतावनी ने सबकी निन्द उडा दी है।
मामला को जरा अब समझें :-
1 अगस्त 2014 को जिले के रूप में घोषित जिले के कई गॉव में ये अफवाह फैली है कि लॉकडाउन का फायदा उठाकर चोरी डकैती को अन्जाम दे रहे हैं तथा कुछ अपराधी तत्व लोगों का अपहरण करके, उनकी किडनी निकाल रहे हैं इसके कारण गॉव वाले रात-रात जगकर झुंड बनाकर पहरा दे रहे थे और आने जाने वालो पर शक करते हुुए पथराव भी कर देेेेते थे। दूसरी तरफ महराज कल्पवृक्ष गिरि (70 वर्ष), महाराज सुशील गिरि (35 वर्ष) तथा उनका ड्राइवर निलेश तेलगर्डे (30 वर्ष) मुम्बई से सूरत की ओर, अपने साथी की अंत्येष्ठि में शामिल होने जा रहे थे। महाराष्ट् गुजरात बार्डर पर इनकी गाडी को लॉकडाउन के कारण रोककर वापस भेज दिया गया। इसके बाद इन तीनों ने सूरत जाने का दूसरा रास्ता चुना। अब साधुओं की गाडी गडचिंचले गॉव में पहुॅच गयी। वहॉ पर गॉव वालों ने इन्हें किडनी चोर डकैत समझकर बिना पूछे और समझे, गाडी पर हमला कर दिया इनके गाडी पलटा दी और डण्डों से इतना पीटा की इन तीनों लोगों की मौत हो गयी। महारष्ट्र्र के पालघर जिले में हुए इस वीभत्स घटना पर कासा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक आनंदराव काले ने कहा कि 16 अप्रैल 2020 दिन बृहस्पतिवार के रात को 9.30 बजे से 10 बजे के बीच की है। आनंदराव काले के अनुसार वयान के समय तक इन तीनों की पहचान नहीं की जा सकी थी। विडियो में जो पुलिस दिख रही है वो इन तीन संतों को बचाने के लिये वहॉ पहुॅची थी परन्तु क्रोधित जन समुदाय से बचाव करने में वो भी घायल हुए हैं। महाराष्ट्र के पालघर जिले में ग्रामीणों के एक समूह ने चोर होने के संदेह पर तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कासा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक आनंदराव काले ने कहा कि बृहस्पतिवार को रात के 9.30 से 10 बजे के बीच यह वीभत्स घटना हुई। यह घटना ऐसे समय में हुई जब कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है। आनंदराव काले के अनुसार तीनों को पालघर के सरकारी अस्पताल में भेजा गया था तीनों ने अस्पताल में ही दम तोडा था और इन तीनों को गडचिंंचाले के पास ढाबाडी खानवेल मार्ग पर रोक गया था।
महंत गिरि ने कहा कि लॉकडाउन के बाद अखाडा परिषद हरिद्वार आन्दोलन की रणनीति बनाई जायेगी। उन्होेंंने महाराष्ट्र्र सरकार को चेताया कि यदि सरकार ने हत्यारों को सजा न दी तो सरकार के खिलाफ आन्दोलन का शंखनाद करेगें। दूसरी तरफ मुख्यमत्री उद्धव ठाकरे ने ट्वीट करते हुए कहा कि अपराधियों को बख्शा नहीं जायेगा। पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने साधुओं की हत्या पर दुख जताते हुए अमानवीय बताया है तथा जॉच कराने को कहा है। भाजपा उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने घटना को शर्मनाक बताते हुए ट्वीट करके कहा कि ”पालघर में पुलिस के सामनेे भीड हिन्सा की घटना का वीडियो दिल दहला देने वाला है। वह भी तब जब कुछ ही दिन पहले उद्धव सरकार के शासन में एक पुलिसकर्मी और डॉक्टर पर हमला हुआ था। मीडिया के एक वर्ग ने इसे ‘संतों के भेष में चाेेरों’ का मामला बताकर घटना को कमजोर किया है।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
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