सत्यम् लाइव, 16 जून 2020, दिल्ली।। राजस्थान में कांग्रेस विधायको की बाड़ेबंदी के बीच उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को निष्कासित करने का सर्वसम्मति प्रस्ताव पारित किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट पर सरकार गिराने के लिए 20 करोड़ का सौदा करने का आरोप लगाया तब, जब पायलट को पार्टी से निष्कासित किया गया। बाद में पायलट ने लम्बी चुप्पी के जब यह कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी में नहीं जाएगेें तो यह कयास लगाए जाने लगा है कि उनकी कांग्रेस में वापसी हो सकती है। संभावना इस बात की है कि सचिन पायलट नई पार्टी बना सकते हैं, और यह उतना ही मुश्किल है क्योंंकि राजस्थान के इतिहास मेें अब तक किसी तीसरे दल को सफलता नहीं मिली है। पायलट द्वारा सरकार गिराने कि गई कोशिश से उनके खिलाफ कांग्रेस नेताओ में काफी नाराजगी है तथा वह नहीं चाहते कि पायलट दुबारा पार्टी में शामिल हो क्योकि उनके आने के बाद गुटबाजी फिर बढ सकती है। पायलट द्वारा उनके समर्थक 19 विधायको को विधायक दल की बैठक में नहीं आने के कारण व्हीप का उल्लंघन करने का नोटिस जारी किया गया हैं और इससे इनकी सदस्यता जा सकती है। सीपी जोशी ने सचिन पायलट समेत सभी बागी विधायकों को नोटिस जारी किया और उनसे 17 जुलाई की दोपहर 1 बजे तक जवाब मांगा है. जवाब मिलने के बाद स्पीकर आगे की कार्रवाई करेंगे। नोटिस पर सचिन पायलट गुट का कहना है कि हमने कोई उल्लंघन नहीं किया है। अब ताजा खबर आ रही है कि सचिन पायलट, स्पीकर के नोटिस को चुनौती देने के लिये सचिन पायलट, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में कर सकते हैं। यह नोटिस सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पी. आर. मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को भेजा गया है। अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि सचिन पायलट अपनी पार्टी बना सकते हैं या फिर वो बीजेपी में शमिल हो सकते हैं एक ट्वीट सचिन पायलट ने अभी जल्दी ही किया था वो कुछ और वयां करता है।
मंसूर आलम