सत्यम् लाइव, 20 जुलाई 2020, उत्तर प्रदेश।। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब एक नया परिवर्तन होने जा रहा है कि बच्चों के आधार कार्ड पर ही भोजन तथा वर्दी दी जायेगी। लखनऊ मण्डल से प्राप्त सूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश में जिले से लगे, सरकारी स्कूलों में एक बच्चें का एडमिशन दो स्कूलों में चल रहा है जिसके लिये आधार कार्ड पर के सत्यापन के बाद ही एडमिशन होगा। 1.80 बच्चों की लिए और मिड डे मील खाते है औसतन 1.10 करोड़ बच्चें। परिषदीय व सहायता प्राप्त स्कूलों में बच्चों की दो संख्याएं है। लिहाजा शिक्षकों के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग बच्चों की संख्या का सत्यापन करवाने जा रहा है। इसका पायलट प्रोजेक्ट ’लखनऊ मण्डल’ में चलाया जाएगा। इसके बाद बच्चों की फर्जी संख्या पर लगाम लगने की उम्मीद है। इसमें तीन स्तरो पर काम किया जाएगा। पहला बच्चों की आधार संख्या की फीडिंग हैं तो उसका सत्यापन होगा। यदि नहीं है आधार संख्या की सीडिंग है और यदि बच्चे का आधार कार्ड नहीं है तो उसका कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग को यूआईडीएआई ने रजिस्ट्रार नामित किया है। इसके लिए हर खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यलयों में दो आधार किटें खरीदी गई है। आधार कार्ड इसी से बनाया जाएगा। इसके लिए सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को मशीने सक्रिय करने के निर्देश दिए गए है। दर असल बच्चों की इस संख्या को लेकर फर्जीवाड़े की आशंका हमेशा जताई जाती है। कई शहर की सीमाओं से सटे स्कूलों में संख्या बढ़ा कर लिखी जाती है। एक ही बच्चा आस-पास के कई स्कूलों में पंजीकृत संख्या के आधा रही यूनिफार्म, स्वेटर, जूते-मोजे, स्कूल बैग, किताबे आदि खरीदी जाती हैं। लेकिन मिड डे मील की माॅनिटरिंग लम्बे समय से आईवीआरएस के जरिए की जा रही है। इनका जब मासिक या सालाना औसत निकाला जाता है तो वह पंजीकृत बच्चों की संख्या से काफी कम रहता है। तो वही उत्तर प्रदेश में फर्जी शिक्षको पर शिकंजा कसने की बेसिक शिक्षा विभाग ने चैतरफा कवायद शुरू कर दी है।
मंसूर आलम