सत्यम् लाइव, 19 मार्च 2023, उप्र।। शनिवार को उप्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल पर गये कर्मचारियों को सायं 6 बजे तक हड़ताल वापस लेने की चेतावनी दी थी। इससे पहले 22 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया सबके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई को भी कहा गया। 1300 संविदा कर्मियों को भी बर्खास्त किया गया।
ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा के साथ संषर्घ समिति के हड़ातल कर्मचारियों से शनिवार रात करीब 10 बजे बैठक हुई। लगभग घंटे चली इस बातचीत में कर्मचारियों ने सभी मांगों को माने जाने तथा दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की जिस पर ऊर्जा मंत्री ने तत्काल मांगें माने जाने पर असमर्थता जताई। रविवार के प्रातःकाल फिर से वर्त्ता करने को कहा।
राज्य के कई जिलों में बिजली का बढ़ते संकट के कारण फैक्टरियों में उत्पादन ठप है तथा जन सेवा में जलापूर्ति भी बाधित हुई है। इसी कारण से ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दूसरी एजेंसी, इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को तथा अन्य नए लोगों की सेवाएं लेने के लिये बुलाने को कहा। साथ ही ये भी बताया कि 24 घंटे में आंधी-तूफान की वजह से काम प्रभावित है।
हड़ताल का कोई असर नहीं है। आंधी-तुफान से आयी हुई गड़बड़ी सही की गई है। कई जगह सहित देवरिया व आजमगढ़ में जो शार्ट सर्किट करने का प्रयास किया गया उन सभी के नाम आ गए है। सभी के खिलाफ सख्त करवाई होगी। राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। कर्मचारियों की अनर्गल मांगें पूरी नहीं की जा सकती हैं।
उनकी मॉगें क्या है? उसका विश्लेषण करते हुए शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि कहीं भी हम सबने हिन्सक कार्यवाही नहीं की है ये झूठा आरोप लगाया जा रहा है। साथ ही जो हमारी मॉगें हैं उस पर कुछ मॉगें दिसम्बर में मुख्यमंत्री ने स्वयं पर हॉ की थी।
1- बिजली कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिले
2- ट्रांसफॉर्मर वर्कशॉप के निजीकरण का आदेश वापस हो 3- आगरा फ्रेचाईजी और ग्रेटर नोएडा का निजीकरण रद्द हो 4- कई वर्षों से लंबित बोनस का भुगतान किया जाए
5- 746/400/220 KV विद्युत उपकेंद्रों को आउटसोर्सिंग के जलिए चलाने का निर्णय रद्द हो
6- पावर सेक्टर इम्पलॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए
सुनील शुक्ल
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