सत्यम् लाइव, 15 मार्च 2024, दिल्ली! निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जारी ब्योरे में राजनीतिक दलों को गोपनीय चंदा देने वाली चुनावी बॉन्ड योजना में जिन बड़े खरीदारों ने बॉन्ड खरीदे हैं उनमें स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल के अलावा सुनील मित्तल (भारती एयरटेल), अनिल अग्रवाल (वेदांता लि.), आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बुधवार को एसबीआई से जानकारी मिलने के बाद चुनाव आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय की 15 मार्च की डेडलाइन से एक दिन पहले ही पूरा ब्योरा अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया था। इस ब्योरे में पूरी जानकारी दो भागों में दी गई है। पहले भाग में तिथिवार बॉन्ड खरीदने वालों के नाम और बॉन्ड की राशि दर्ज है। दूसरे भाग में बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों के नाम तारीख सहित दिए गए हैं। चुनावी बांड के माध्यम से दान देने वाले प्रमुख लोगों में किरण मजूमदार शॉ, वरुण गुप्ता, बीके गोयनका, जैनेंद्र शाह और मोनिका आदि के नाम शामिल हैं।
विवादों की वैकल्पिक समाधान (ए डी आर) रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 16,518 करोड़ रुपये के कुल 28,030 चुनावी बांड बेचे गए जिसके माध्यम से भाजपा को 6,566 करोड़ रुपये का चंदा मिला और कांग्रेस को 1,123 करोड़ (मार्च 2018 से जनवरी 2024 के बीच का डाटा) का चंदा मिला।
फ्यूचर गेमिंग नाम की कंपनी ने सबसे अधिक 1,368 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। कोयंबटूर की प्रमुख लॉटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने सबसे ज्यादा 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग व इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 966 करोड़ का चंदा दिया और मुंबई की कंपनी क्विक सप्लाई चेन ने 410 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे। इसके अलावा अन्य प्रमुख नाम वेदांता, हल्दिया एनर्जी, भारती एयरटेल, एस्सेल माइनिंग, वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन, केवेंटर फुडपार्क इंफ्रा और मदनलाल लि. हैं।
देश के सबसे अधिक चुनावी दानदाताओं में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विस- 1,368 करोड़, मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर- 966 करोड़, क्विक सप्लाई चेन- 410 करोड़, वेदांता लि.- 398 करोड़, हल्दिया एनर्जी लि.- 377 करोड़, भारती ग्रुप- 247 करोड़, एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज- 224 करोड़, वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन- 220 करोड़, केवेंटर फुडपार्क इंफ्रा लि.- 195 करोड़ और मदनलाल लि.- 185 करोड़ जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। चुनावी बॉन्ड के मुख्य खरीदारों में स्पाइसजेट, इंडिगो, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, एडलवाइस, पीवीआर आदि के नाम शामिल हैं। इनके अलावा केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा, वर्धमान टेक्सटाइल्स, जिंदल ग्रुप, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड, सीएट टायर्स, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, आईटीसी, केपी एंटरप्राइजेज, सिप्ला और अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनियों ने बड़ी मात्रा में बॉन्ड खरीदे।
इन चुनावी बॉन्ड्स को भुनाने वाली पार्टियों में भाजपा, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी-एस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, आप, समाजवादी पार्टी के नाम प्रमुख हैं। इन पार्टियों के अलावा नेशनल कान्फ्रेंस, बीजद, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा और जन सेना पार्टी के नाम भी शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर दिए गए पूरे ब्योरे में इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि किस बॉन्ड को कौनसी पार्टी ने भुनाया है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि किसने किस पार्टी को चंदा दिया। लेकिन जनवरी 2022 में कांग्रेस, भाजपा, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस सहित लगभग सभी पार्टियों ने चुनावी बॉन्ड भुनाए। जिसमें सबसे बड़ी राशि भाजपा ने भुनाई है। चुनावी बॉन्ड योजना में सबसे अधिक करीब 80 फीसदी चंदा भाजपा को मिला है। जहां गाजियाबाद के यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने 162 बॉन्ड खरीदे, जिनमें से ज्यादातर 1 करोड़ रुपये के थे वहीं बजाज ऑटो ने 18 करोड़ रुपये, बजाज फाइनेंस ने 20 करोड़ रुपये, इंडिगो की तीन कंपनियों ने 36 करोड़ रुपये, स्पाइसजेट ने 65 लाख रुपये और इंडिगो के राहुल भाटिया ने 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे।
मुंबई की क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 410 करोड़ रुपये और हल्दिया एनर्जी ने 377 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। ज्यादातर बॉन्ड जहां राजनीतिक दलों के नाम पर जारी किए गए हैं वहीं, कांग्रेस व समाजवादी पार्टी को दिया गया चंदा ‘अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी’ और ‘अध्यक्ष समाजवादी पार्टी’ के नाम पर दिया गया।
नीरज दुबे (वरिष्ठ पत्रकार)
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