सत्यम् लाइव, 21 अप्रैल 2022, दिल्ली।। भारतीय परम्पराओं में औषधि का केन्द्र ‘रसोई घर’ को हमारे ऋषियों-मुनियों ने बनवाया और ‘‘आहार को भेजष’’ बताया जिसका अर्थ निकलता है कि ऋतु के अनुसार अपनी दिनचर्या भोजन तक में ठीक करो। इसी परम्परा को भारतीय गणितज्ञों ने संस्कार के रूप दिया। यह ज्ञान सभी के पास था यही कारण था कि हम सब पूर्ण रूप से स्वस्थ थे। इस परम्परा का निर्बाह न करने के कारण आज हर व्यक्ति बीमार है। जब इस ज्ञान का प्राप्त करने के लिये कदम बढ़ाया तो ज्ञात हुआ कि इस परम्परा को अन्धविश्वास बताया गया है और आज भी अपनी प्रकृति और पर्यावरण के अनुसार यदि कोई अपना जीवन यापन करे तो हम सब मिलकर उसको पिछड़ा हुआ बताने लगते हैं और स्वयं को बहुत बड़ा विज्ञान का ज्ञाता बताते हैं परन्तु सत्य यही है कि भारतीय परम्परा चिकित्सा से सम्पूर्ण भारतीय शा़स्त्र भरे पड़े हैं और इन्हीं मुख्य खोजों को अरबी भाषा में परिवर्तित किया गया है।
काल का ज्ञान भारतीय शास्त्रों से ही सभी के पास गया है परन्तु स्वयं के शास्त्रों को अवैज्ञानिक अंग्रेजों के आधार पर हम सब आज भी बता रहे हैं कारण आज की शिक्षा व्यवस्था है। अब इसी औषधि एवं नुस्खों की भारतीय परम्परा को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) एक संस्था की स्थापना करेगा जिसे ग्लोबल सेन्टर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) के नाम से जाना जायेगा। गुजराज के जामनगर में इस केन्द्र की स्थापना कर इसे वैज्ञानिक तौर तरीके से बेहतर बनाया जायेगा। साथ ही योजना ये भी है कि इससे दुनिया के अन्य देशों को भी फायदा दिया जायेगा। औषधि गुणों के भोजन की भी बात की जायेगी और इससे डब्लूएचओ के 194 सदस्यों में से 170 देशों के लोग इस औषधि और परम्पराओं का उपयोग कर सकेगें।
उपस्थिति आयुर्वेदिक कई चिकित्सकों ने इसको गेम चेन्जर बताया। साथ ही अपने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि यह उपाय सभी उम्र के लिये खासकर मददगार होगा। प्राचीन ज्ञान और शक्ति का उपयोग करते हुए हम सब विकास के उस लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं जो सभी को सम्पूर्ण स्वास्थ्य बना सके। डब्ल्यूएचओ के साथ आने का भी भारत को फायदा भी मिलेगा। तीन लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं।
- डब्ल्यूएचओ – ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन दुनिया का पहला सेंटर होगा।
- ट्रेडिशनल मेडिसिन की क्षमता को तकनीकी प्रगति और साक्ष्य.आधारित रिसर्च के साथ जोड़ना जायेगा।
- ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन पारंपरिक मेडिसिन उत्पादों पर नीतियां और मानक निर्धारित करेगा। साथ ही देशों को एक व्यापक, सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य प्रणाली बनायेगा।
सुनील शुक्ल
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