नशा माफियाओं पर रहेगी टेढ़ी नजर : रोहित मीणा

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सत्यम् लाइव, 19 फरवरी 2023, दिल्ली।। शाहदरा जिले में 11 पुलिस स्टेशन आते हैं और जिला का कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा है जिसकी वजह से तमाम तरह की चुनौतियां होती हैं और ऐसे स्थिति में पुलिस की मेहनत थोडी अतिरिक्त हो जाती है। जिस स्तर पर जनसंख्या बढ़ रही है उस स्तर पुलिस बल में इजाफा नही हो पा रहा है। लेकिन बावजूद इसके पुलिस को हर कसौटी पर खरा उतरना पड़ता है। पुलिस किस तरह चुनौतियों को स्वीकार करते हुए सब चीजों को नियंत्रित करती है व तमाम अन्य मुद्दों पर शाहदरा जिले के पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा से योगेश कुमार सोनी की एक्सक्लूसिव बातचीत के मुख्य अंश…

शाहदरा जिले के पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा

सवाल: शाहदरा जिला बहुत भीड़ भाड़ वाला इलाका है और अपने अंडर में ग्यारह पुलिस स्टेशन आते हैं जिसमें से उत्तर प्रदेश से कुछ थानों को लेकर चुनौती हमेशा ज्यादा मानी जाती है। कैसे नियंत्रित किया जाता है?

जवाब: जनता की सुरक्षा का जिम्मा हमारा है और किसी भी स्थिति में इसको निभाते हैं। बात करें चुनौती की तो हर इलाके में रहती है और हम पूरी निगाह बनाए रखते हैं चूंकि सावधानी हटते ही दुर्घटना घट जाती है। मेरे जिले से यूपी से सटे सीमापुरी व विवेक विहार की सीमा है जिस पर चौबीस घंटे पीकेट लगी रहती है। चूंकि यदि कोई क्राइम करके बाहरी सीमा में निकल जाता है तो समस्या का सामना करना पड़ता है। इसलिए हर समय इन जगहों पर अतिरिक्त निगरानी रहती है।

सवाल: बीते कुछ वर्षों में नशा माफियाओं पर जिस तरह शिकंजा कसा गया है। लेकिन नीचला स्टॉफ थानाध्यक्ष या किसी अधिकारी को गुमराह करके अनैतिक काम करवाता है तो इस पर क्या रणनीति है?

जवाब: मैं नशे के सख्त खिलाफ हूं क्योंकि मैंने इससे कई लोगों की जिंदगी बर्बाद होते देखी है। एक व्यक्ति की वजह से पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है। मैं अपने सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दे रखा है कि नशा माफियाओं पर नकेल कस कर रखें और इसके लिए पुलिस को किसी हद तक जाना पडे। इससे महत्वपूर्ण कुछ भी नही चूंकि नशे से क्राइम भी बढ़ता है और जिंदगियां भी बर्बाद होती है। यदि कोई बीट ऑफिसर अपने एसएचओ या सीनियर को गुमराह करके नशा माफियाओं का साथ देता है तो वह सस्पेंड होने के लिए तैयार रहे। यदि किसी के भी पास नशे पदार्थ बिकने की सूचना है तो वह मुझे सूचना दे सकता है।

सवाल: कुछ लोग किराएदारों की वेरिफिकेशन को व्यर्थ मानते हैं। पुलिस थाने जाने में हिटकिचहाट या समय की बर्बादी समझते हैं क्या इसके लिए पुलिस को जागरुक अभियान चलाना चाहिए ?

जवाब: जिन लोगों को यह मामला छोटा या व्यर्थ समझते हैं उनको यह बता दूं कि यदि आपके यहां किराएदार के रुप में कोई आतंकवादी आ गया तो आप भी आतंकवादी ही माने जाओगे। पुलिस वेरिफिकेशन से आपका ही फायदा व सुरक्षा है चूंकि आज के दौर में कौन किस रुप में आ जाए पता नही चलता। अब वैरिफेशन ऑनलाइन भी होती है और यदि आप ऑनलाइन में सक्षम नही है तो थाने से एक फार्म लेकर उसमें अपनी व किराएदार की डिटेल भरकर जमा करा दीजिए। हमें अभी विवेक विहार थाने के अंतर्गत यह ड्राइव चलाई और बाकी जगह भी शुरु करेगें।

सवाल: पुलिस सप्ताह चल रहा है इस पर पुलिस की ओर से क्या किया जा रहा है?

जवाब: इसमें हम पूरे इलाके में नुक्कड़ नाटक व अन्य माध्यमों की वजह से जनता को जागरूक करते हैं। इसमें हम यह बताते हैं कि आपकी अपनी रक्षा कैसे कर सकते हैं। साइबर क्राइम, महिला सुरक्षा व अन्य तमाम घटनाओं को लेकर जागरूक किया जाता है इसके अलावा पुलिस के कार्य को जनता को बताना और समन्वय बनाए रखना।

सवाल: जनता के लिए कोई संदेश?

जवाब: नशे से बचकर रहें चूंकि इसका भविष्य अंधकार है जो सिर्फ बर्बादी की ओर ले जाता है इसलिए इससे बचें व दूसरों को भी जागरूक करें। पुलिस को मित्र समझे शत्रु नही। चोरो व शरारती तत्वों से निपटने में पुलिस की मदद करें। यदि आपके वाहन की किसी से टक्कर हो जाए तो इतना उग्र मत हो जाइये कि आप एक-दूसरे के दुश्मन बन जाए। जिंदगी संयम से चलती है क्रोध नही चूंकि थोडी देर का क्रोध आपकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकता है।

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