नई दिल्ली: आज के दिन 8 मार्च वोमंसडे पर सृष्टि ने कन्याकुमारी से कश्मीर की पैदल यात्रा पर निकली सृष्टि बख्शी समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं। सृष्टि बताती हैं कि यह यात्रा नारी सशक्तीकरण का संदेश दे रही है। शिक्षा और सुरक्षा दो बड़े पहलू हैं, जिन पर जनजागृति लाने का यह एक छोटा सा प्रयास है।
इस यात्रा के मिशन के बारे में सृष्टि कहती हैं कि मैं भी आराम से अपना जीवन जी रही थी। शादी के बाद पति के साथ हांगकांग में अच्छी खासी नौकरी कर रही थी। कहीं किसी कंपनी की सीईओ बनने का सपना लेकर ही जीवन में बढ़ रही थी। आर्मी अफसर की बेटी होने के नाते विदेश में रहते हुए भी अपने देश से प्यार और लगाव कुछ ज्यादा ही रहा। दो साल पहले ग्रेटर नोएडा के पास एक मां-बेटी के साथ उनके अपनों के सामने ही दुष्कर्म की घटना के बारे में सुना।
इस घटना ने मुझे झकझोर कर रख दिया। पता चला कि भारत में ऐसी सैंकड़ों घटनाएं आए दिन होती हैं। इसके बाद मैंने तय किया कि कुछ करना चाहिए जिससे समाज में जाग्रति आए। हांगकांग में नौकरी छोड़कर भारत आई यहां पैदल यात्रा की योजना बनाई। खुद की फिटनेस पर ध्यान दिया। वेट लिफ्टिंग की।
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