
नई दिल्ली। परिवहन के सभी साधनों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए किफायती, सुविधाजनक एवं एकीकृत परिवहन प्रणाली के विकास पर राजधानी में बुधवार से ‘इंडिया इंटीग्रेटेड एंड लॉॅजिस्टिक्स समिट : 2017’ नाम से एक तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है।
इसका उद्घाटन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी करेंगे। रेलमंत्री सुरेश प्रभु व नागरिक विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू भी इसमें भाग लेंगे।
गडकरी के अनुसार भारत में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रोड, चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क, 14500 किलोमीटर लंबा जलमार्ग तंत्र के अलावा 200 बंदरगाह तथा 125 एयरपोर्ट का व्यापक परिवहन तंत्र है।
लेकिन परस्पर सामंजस्य व उपयुक्त मल्टीमॉडल ढांचे के अभाव में देश का 60 फीसद माल परिवहन सड़क के जरिए होता है।
जबकि दूसरे साधनों के मुकाबले यह 50-60 फीसद ज्यादा महंगा और 50-90 फीसद अधिक प्रदूषणकारी है। इसी स्थिति ने सरकार को देश में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट एवं लाजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए प्रेरित किया।
इसका सबसे अहम हिस्सा मल्टीमॉडल लाजिस्टिक्स पार्क होंगे जिन्हें देश के 35 प्रमुख उद्योग-व्यापार केंद्रों के नजदीक स्थापित किया जाएगा। इस मॉडल को सरकार ने ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल का नाम दिया।
इसका मतलब है कि अब माल परिवहन एक स्थान से दूसरे स्थान और वहां से तीसरे या चौथे स्थान के बजाय एक स्थान से सभी दिशाओं में होगा।
लाजिस्टिक्स पार्क इसका केंद्र बिंदु होंगे, जहां से माल हर तरफ आएगा और जाएगा। इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टक्स समिट मुख्यतः इसी मॉडल पर चर्चा के लिए आयोजित की जा रही है।
इसमें सरकारी एजेंसियां, ट्रांसपोर्टर, कंसेशनेयर, उपभोक्ता तथा निवेशक समेत सारे स्टेकहोल्डर अपनी बात रखेंगे और अनुभवों को साझा करेंगे।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव संजय मित्रा के अनुसार इस मुहिम का उद्देश्य परिवहन लागत में 10 फीसद तथा कार्बन डायऑक्साइड के उत्सर्जन में 12 फीसद की कमी लाना है।
पैंतीस लाजिस्टिक्स पार्कों में उत्तर भारत में दिल्ली-एनसीआर, हिसार, अंबाला, जम्मू तथा पूर्वी भारत में पटना व कोलकाता के लॉजिस्टिक्स पार्क प्रमुख होंगे।
इनकी स्थापना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में राज्य सरकारों के सहयोग से की जाएगी। इन पार्कों में सामान लादने, उतारने और संग्रहित और वितरित करने की विश्व की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाया जाएगा।
एनसीआर का लॉजिस्टिक्स पार्क दादरी में एनएच-34 पर स्थापित किया जाएगा। यह 260 एकड़ में फैला होगा और यहां से तीन दिशाओं में, खासकर फरीदाबाद, बागपत, धनबाद, गाजियाबाद, भिंड, दिल्ली, अमरेली व देहरादून के लिए माल की आवाजाही होगी।
2025 तक यहां से सालाना लगभग पांच करोड़ टन माल का यातायात होने का अनुमान है।
इसमें मुख्यतः निर्माण सामग्री, पार्सल, कोयला, लोहा व इस्पात तथा घरेलू सामानों का आयात तथा फल-सब्जी, लोहा व इस्पात, भवन निर्माण सामग्री व घरेलू सामान का निर्यात शामिल हैं। सम्मेलन में गडकरी एकीकृत परिवहन पर प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे।
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